इंदौर, मेघश्याम आगाशे। शहर में मोबाइल और चेन लूट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पुलिस ने 3 माह में 170 लुटेरों को पकड़ा है। इनमें 20 प्रतिशत नए लुटेरे हैं तो 4 प्रतिशत नाबालिग हैं। यह भी अपने आप में एक रिकार्ड है। शहर में कुछ सालों से मोबाइल, चेन और बैग लूटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। रोजाना दो से तीन घटनाएं दर्ज हो रही हैं। शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां लूट की घटनाएं सामने नहीं आ रही हों। शहर में इस साल लूट के 180 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल का कहना है कि लूट के मामले पिछले साल से अधिक हैं। पुलिस ने लगभग 90 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को पकडऩे में सफलता पाई है। मोबाइल और चेन लूट में आसान टारगेट होते हैं और इनमें नए-नए लोग सामने आते हैं। इन तीन माह की बात करें तो लूट के 170 से अधिक आरोपी पुलिस ने पकड़े हैं। इनमें 20 प्रतिशत नए आरोपी हैं, जबकि चार प्रतिशत नाबालिग भी पकड़ाए हैं।
पहले दर्ज होता था चोरी का केस : पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर का कहना है कि पहले मोबाइल और चेन लूट में पुलिस चोरी का केस दर्ज करती थी, जिसमें न तो थाने वाले इसको गंभीरता से लेते थे न ही आरोपियों को सजा मिल पाती थी, लेकिन उन्होंने सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि मोबाइल और चेन लूट के मामलों में लूट का केस दर्ज किया जाए। इसके चलते लूट के मामले बढ़े हैं। पुलिस ने लूट के 90 प्रतिशत मामलों के आरोपियों को पकडऩे में सफलता अर्जित की है, जो एक रिकार्ड है।
178 लोगों का डिजिटल एलबम कर रहा है मदद
देउस्कर ने बताया कि लूट के आरोपियों को पकडऩे में जो सफलता मिल रही है, उसमें पुलिस के तैयार किए हुए डिजिटल एलबम से काफी मदद मिल रही है। इस एलबम में सभी लुटेरों का रिकार्ड और फोटो है। ये सभी थानों के स्टाफ के पास मोबाइल पर उपलब्ध है। जैसे ही घटना होती है, पुलिस टीम मौके पर ही फरियादी को एलबम दिखाती है, जिससे वे तुरंत लुटेरों की पहचान कर लेते हैं, जबकि पहले घटना होने के काफी समय बाद पुलिस क्राइम ब्रांच में फरियादी को ले जाकर एलबम दिखाती थी। समय हो जाने के कारण आरोपी की पहचान नहीं हो पाती थी, लेकिन अब तुरंत पहचान होने से आरोपी पकड़े जा रहे हैं।
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