इंदौर। प्राधिकरण ने एमआर-10 के निर्माण के साथ 17 साल पहले रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लायओवर का निर्माण भी निजी कम्पनी पाथ इंडिया से करवाया था। इसके बाद लगातार टोल टैक्स की वसूली नाके से होती रही और उसके बाद 86 दिन का अतिरिक्त समय भी कोविड काल में टोल बंद होने के चलते प्राधिकरण ने कम्पनी को दिया। उसके बाद अभी 14 अप्रैल को यह समयसीमा भी समाप्त हो गई और टोल नाका बंद करवाकर प्राधिकरण ने उसका कब्जा ले लिया। अब ठेकेदार फर्म ने इस टोल नाके को तुड़वाना शुरू कर दिया है। उसके पश्चात सडक़ का निर्माण भी कम्पनी द्वारा ही करवाया जाएगा। प्राधिकरण की 17 साल पहले माली हालत बेहतर नहीं थी। उसने एमआर-10 रेलवे क्रॉसिंग पर बीओटी पर फ्लायओवर का निर्माण किया।
यातायात सुगम भी हुआ। मगर बदले में वाहन चालकों को लम्बे समय तक टोल चुकाना पड़ा। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व टोल वसूलने वाली कम्पनी पाथ इंडिया ने स्थानीय यानी इंदौर के चार पहिया वाहनों से टोल लेना बंद कर दिया था। सिर्फ बड़े और बाहरी वाहनों से ही यह टोल लिया जा रहा था, क्योंकि इंदौर के लोगों ने इस टोल का विरोध शुरू कर दिया था, क्योंकि शहर के विस्तार के चलते यह टोल निगम सीमा में ही आ गया। इसके बाद जब कोविड काल शुरू हुआ तो लॉकडाउन के चलते लम्बे समय तक टोल नाका बंद रहा, जिसके चलते कम्पनी ने प्राधिकरण से टोल वसूली के लिए 17 साल पूरे होने के बाद अतिरिक्त समय मांगा। प्राधिकरण ने भी केल्कुलेशन करने के बाद 86 दिन का अतिरिक्त समय टोल नाका चालू रखने के लिए दिया, ताकि कम्पनी कोविड काल में हुए अपने घाटे की प्रतिपूर्ति कर सके। अंतत: अभी 14 अप्रैल को अतिरिक्त समय भी समाप्त हो गया। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के निर्देश पर इस टोल नाके को बंद करवाते हुए प्राधिकरण अधिकारियों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। 2007 से यहां पर टोल वसूली चल रही थी और टेंडर शर्त के मुताबिक 6101 दिन टोल की वसूली कम्पनी को करना थी,जो इस साल 19 जनवरी को समाप्त हो गई थी। मगर कोविड और नोटबंदी की भरपाई के चलते अतिरिक्त समय देना पड़ा।
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