भोपाल। एमपी (MP) में काम कर रही कृषि मंडियों (agricultural markets) में गड़बड़ी की बीते 5 साल में 167 शिकायतें मिली हैं. लेकिन इनमें से किसी भी मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है. विभाग यही कह रहा है कि सभी 167 मामलों में जांच जारी है. मतलब साफ है कि किसान और व्यापारियों (farmers and traders) से जुड़ी प्रदेश की बड़ी मंडियों में जो आर्थिक अनियमितता की शिकायतें आई हैं, उनके निपटारे में विभाग गंभीर नहीं है. विभाग की कछुआ चाल से हो रही जांच की प्रक्रिया सवालों के घेरे में है.
प्रदेश की 258 बड़ी मंडियों में पद के दुरुपयोग और आर्थिक अनियमितताओं की साल 2016 से लेकर 2021 तक विभाग को 167 शिकायतें मिली हैं. गंभीर शिकायतों पर जांच भी शुरू हुई. लेकिन यह जांच सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह कर रह गई. क्योंकि ना किसी मामले में किसी अफसर पर कार्रवाई हुई, ना ही किसी जांच नतीजे पर पहुंची.
हर मंडी में गड़बड़ी
प्रदेश की मंडियों में दर्ज हुई शिकायतों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भोपाल संभाग (Bhopal Division) में 5 साल में 18, इंदौर संभाग (Indore Division) में 39, उज्जैन संभाग (Ujjain Division) में 6, ग्वालियर संभाग ( GwaliorDivision) में 10, सागर संभाग (Sagar Division) में 7, जबलपुर संभाग (JabalpurDivision) में 83, रीवा संभाग में 4 शिकायतें दर्ज हुई हैं. हैरत की बात यही है कि सभी मामलों में सालों बीत जाने के बाद भी इनमें से किसी की जांच पूरी नहीं हुई है. विभाग अब तक यही बोल रहा है कि जांच जारी है.
भ्रष्ट अफसरों को शह
कृषि विभाग में गड़बड़ी की कछुआ चाल से हो रही जांच पर कांग्रेस हमलावर है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस विधायक के मुताबिक बीजेपी सरकार में अफसरों की कार्यशैली को लेकर शिकायतें मिली थीं, जिसमें जांच के निर्देश दिए गए थे. लेकिन अब तक किसी अफसर के खिलाफ जांच पूरी ना हो पाना इस बात के संकेत हैं कि विभाग में भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण हासिल है.
पेंडिंग केस की समीक्षा
कृषि विभाग के मंत्री कमल पटेल का कहना है जितनी भी विभागीय जांच लंबित हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी और जो भी दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.किसानों के हित के लिए बनाई गई मंडियों में विभाग कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 5 साल से ज्यादा बीतने के बाद भी गड़बड़ी करने वाले अफसर बेपरवाह हैं. सवाल इस बात को लेकर है कि जिन अफसरों के खिलाफ गड़बड़ियों की शिकायतें मिली है, उन मामलों में कब जांच पूरी होगी और कब कार्रवाई होगी.
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