इंदौर। शहर (City) में वाहन चोरों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। लॉकडाउन में भी वाहन चोरी पर रोक नहीं लग पाई थी। वाहन चोरी के पीछे पुलिस दो बाहरी गिरोह को जिम्मेदार मानती है। एक देवास (Dewas) का कंजर गिरोह और दूसरा धार-टांडा (DHar Tanda) का गिरोह। कई बार पुलिस यहां छापा भी मारती है, लेकिन फिर भी यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कल रात की सबसे अधिक चार गाडिय़ां एमआईजी थाना क्षेत्र से चोरी हुईं। दूसरे नंबर पर लसूडिया थाना क्षेत्र से तीन गाडिय़ां चोरी हुईं। बाणगंगा थाना क्षेत्र से दो, वहीं राऊ, एरोड्रम, विजय नगर, द्वारकापुरी, संयोगितागंज और पंढरीनाथ थाना क्षेत्र से एक-एक गाड़ी चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है। कनाडिय़ा की तो पुलिस लाइन के पुलिसकर्मी की गाड़ी चोरी होने की रिपोर्ट हुई है, जबकि बताया जा रहा है कि यहां से तीन गाडिय़ां चोरी हुई हैं। यदि इस आंकड़े को मिला लिया जाए तो कल रात शहर में 19 गाडिय़ां चोरी हुईं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गाडिय़ां या तो देहात क्षेत्र में बेच दी जाती हैं या फिर काटकर। इसके चलते पुलिस केवल 20 प्रतिशत गाडिय़ां ही बरामद कर पाती है।
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