जिला टास्क फोर्स कमेटी बैठक में कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश, मिले बाल श्रमिकों का पुनर्वास भी कराएंगे
इंदौर। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना (Chief Minister Learn Earn Scheme) के चलते इंदौर जिले (Indore district) में लगभग 16 हजार युवाओं ने पंजीयन कराए हैं और निजी क्षेत्र की 1833 संस्थाओं ने भी प्रशिक्षण देने के लिए पंजीयन करा लिया है। चयनित युवाओं को 8 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलेगा। वहीं कलेक्टर ने जिला टास्क फोर्स (District Task Force) की बैठक में बालश्रम पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए। साथ ही बालश्रम करवाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर एफआईआर कराने को भी कहा।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की विशेष पहल पर लागू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना का इंदौर जिले में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 1833 इकाईयों ने अपना पंजीयन कराया है। इन इकाईयों द्वारा 14 हजार 645 युवाओं को विभिन्न ट्रेड के अंतर्गत प्रशिक्षित करने और उन्हें मानदेय देने के लिये अपनी वेकेन्सी दर्ज कराई है। इन वैकेंसी के विरूद्ध युवाओं के आवेदन करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिले में अभी तक 15 हजार 809 युवाओं ने अपना पंजीयन करा लिया है। इच्छुक युवा मुख्यमंत्री सीखो कमाओं योजना की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। वहीं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी (Collector Dr. Ilaiyaraaja T) की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक में दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती सपना लोवंशी एवं श्री रोशन राय सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने बाल श्रम उन्मूलन के लिये प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे सेक्टर चिन्हित कर लिये जाये जहां बाल श्रम की आशंका हो। ऐसे सेक्टर के संबंधित नियोजकों को हिदायत दे कि वे किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करें। वे संस्थान का समय-समय पर निरीक्षण भी करते रहें। निरीक्षण के दौरान बाल श्रमिक मिलने पर नियोजकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। बाल श्रम उन्मूलन के लिये सुनियोजित रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई हो। चौराहों पर भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने की कार्रवाई गंभीरता से की जाये। इसके लिये एनजीओ की मदद भी ली जाये। उन्होंने कहा कि श्रम बस्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाये। ऐसे बच्चे जो बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराये गये हैं उनके शिक्षण-प्रशिक्षण और व्यवस्थापन की कार्रवाई भी की जाये।
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