उज्जैन। आज वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसंबर को सुबह हुई महाकाल की भस्म आरती में देश भर के श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखते हुए प्रबंध समिति द्वारा नंदी हाल और रैलिंग में मात्र 700 श्रद्धालुओं को ही बैठने की अनुमति दी गई थी। बाकी सभी श्रद्धालुओं को कार्तिक मंडपम से चलित भस्म आरती में दर्शन करवाए गए। इस व्यवस्था के तहत लगभग 16 हजार श्रद्धालुओं ने आज सुबह दर्शन किए।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष 2023 की अंतिम भस्म आरती आज रविवार सुबह की गई। महाकालेश्वर मंदिर में नव वर्ष पर आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव करते हुए प्रोटोकॉल में सिर्फ 700 श्रद्धालुओं को ही अनुमति दी गई थी। बाकी सभी श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के भस्म आरती दर्शन मिल सके इसके लिए चलित भस्म आरती से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए। चलित भस्म आरती में दर्शन व्यवस्था के कारण देशभर से आए सभी श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन आसानी से किए। मुंबई से आए श्रद्धालु विजय सिंह ने बताया कि चलित भस्म आरती से बाबा महाकाल के दर्शन कर में और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश हैं। हम परिवार के 13 लोग उज्जैन आए थे, जिन्होंने एक साथ बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। मुंबई से ही आए राकेश चित्रोदा ने बताया कि बाबा महाकाल के दर्शन कर आत्मा तृप्त हो गई। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चलित भस्म आरती व्यवस्था पर अधिक ध्यान देकर सभी श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि आज सभी श्रद्धालुओं को कार्तिक मंडपम से चलित भस्मारती दर्शन करवाए गये थे। आज सुबह लगभग 16 हजार श्रद्धालुओं ने चलित भस्म आरती के दर्शन किए हैं। 1 जनवरी सुबह वर्ष के पहले दिन चलित भस्म आरती के लिए सुबह 4 बजे ही श्रद्धालुओं का कार्तिक मंडपम में प्रवेश कर दर्शन शुरू कर दिए जाएँगे।
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