नई दिल्ली। घूस लेकर कर्मचारियों की भर्ती करने के मामले में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस ने अपने 16 कर्मचारियों को निकाल दिया है। तीन को रिसोर्स प्रबंधन से हटाकर दूसरे विभाग में भेज दिया है। 6 वेंडर्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने कहा, हम 19 कर्मचारियों की जांच कर रहे थे। इस मामले में 16 के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है।
6 वेंडरों के साथ उनके अन्य सहयोगियों और मालिकों को भी प्रतिबंधित किया गया है। इस साल जून में आरोप लगा था कि कंपनी की भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हो रहा है। इसके बाद टीसीएस ने इसकी जांच की थी और कहा था कि भर्ती गतिविधियां रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप नियंत्रित नहीं करती है। इसलिए, कथित घोटाले का आरोप गलत है।
कमियां दूर कर गवर्नेंस और मजबूत करेगी कंपनी
टीसीएस ने बताया, वह गवर्नेंस को और मजबूत करेगी। इसमें संसाधन प्रबंधन कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्मियों का नियमित रोटेशन, आपूर्तिकर्ता प्रबंधन की जांच, वेंडरों की ओर से घोषणाओं और अन्य की जांच होती रहेगी। टाटा समूह ने कहा कि मामला कुछ कर्मचारियों व ठेकेदारों की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं की ओर से कंपनी की आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा था। कंपनी का कोई भी प्रमुख कर्मचारी इसमें शामिल नहीं है।
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