काठमांडू (Kathmandu)। रूसी सेना (Russian army) में कार्यरत 16 और नेपालियों (16 more Nepalis) ने यूक्रेन की सेना (Ukrainian army) के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी है। अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में मारे गए नेपालियों की आधिकारिक संख्या 33 हो गई है, जो रूस से बाहर के किसी भी अन्य देश के लिए एक बड़ी संख्या है। नेपाल ने पहले ही रूस से सैनिकों की वापसी का आग्रह किया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मारे गए नेपालियों के परिजनों के डीएनए नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। इन नमूनों को पहचान के लिए रूस भेजा जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, नेपाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों को उन्हीं विदेशी सेना में भर्ती की अनुमति देता है, जिनके साथ उसने द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गया हैं। सरकार ने पूर्व में जारी किए गए दो अलग-अलग नोटिस में अपने नागरिकों से कहा था कि वे कांसुलर मामलों के विभाग से ‘अनापत्ति’ पत्र लिए बिना रूस का दौरा न करें। वहीं, 200 से अधिक परिवार ने रूसी सेना में सेवारत अपने रिश्तेदारों के बचाव के लिए कांसुलर विभाग में शिकायतें दर्ज की हैं।
युद्ध में एक भारतीय की भी हाल ही में हो चुकी है मौत
8 मार्च को रूस में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की मौत की पुष्टि की थी। हैदराबाद के रहने वाले 30 वर्षीय असफान की मौत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हुई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कई अन्य लोगों के साथ असफान को भी एजेंटों ने धोखा देकर रूसी सेना के साथ लड़ने के लिए ‘सहायक’ के रूप में भर्ती किया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार रूस की सेना में करीब 20 भारतीय सहायक के तौर पर कार्यरत हैं।
नेपाल ने रूस से मुआवजे का अनुरोध किया
विदेश मंत्रालय के अनुसार 7 मार्च को नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से रूसी सेना में काम कर रहे नेपाली नागरिकों के मुद्दे पर चर्चा की। श्रेष्ठ ने मृत नेपालियों की स्वदेश वापसी में तेजी लाने, मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और रूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया। लावारोव ने भी रूसी सेना में सेवारत नेपालियों के परिजनों के अनुरोध पर कार्रवाई का वादा किया था।
अब तक 116 घायल, 247 लापता
रूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों के परिवारों की ओर से एक अभियान का नेतृत्व करने वाले कीर्ति भंडारी ने गत दिनों अपने पोस्ट में बताया था कि 620 से अधिक नेपाली रूसी सेना में कार्यरत हैं। अब तक 116 नेपाली घायल हैं, 274 लापता हैं।
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