इंदौर। अपने अनुशासन के लिए जानी जाने वाली हिन्दरक्षक फागयात्रा इस बार पूरी तरह राममय होगी। राधाकृष्ण के बाने के रूप में निकलने वाली इस फागयात्रा में इस बार अयोध्या के राम मंदिर की कलाकृति नजर आएगी, जिसमें 16 फीट के भगवान राम की प्रतिकृति दर्शन देगी। इस यात्रा में महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग लेती हैं। इनकी सुरक्षा के लिए संगठन के 1 हजार कार्यकर्ता घेरा बनाकर चलेंगे। पिछले 26 सालों से हिन्दरक्षक संगठन राधाकृष्ण फागयात्रा निकालता आ रहा है। गेरों में होने वाली हुड़दंग रोकने और महिलाओं को फाग यात्रा में शामिल करने का श्रेय हिन्दरक्षक संगठन को ही जाता है। इसकी शुरुआत दिवंगत लक्ष्मणसिंह गौड़ ने की थी।
शुरुआत में यात्रा को अनुशासित रूप से निकालने के लिए गौड़ ने काफी संघर्ष भी किया। कल यात्रा को लेकर एक बड़ी बैठक रखी गई थी। बैठक में संगठन की संरक्षक विधायक मालिनी गौड़, संगठन के संयोजक एकलव्यसिंह गौड़, शंकर यादव, गिरधर नागर ने संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक ली और तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बैठक में तय हुआ कि चूंकि इस बार राम मंदिर का ऐतिहासिक काम हुआ है, इसलिए इस बार की यात्रा राममय होगी। यात्रा में राम मंदिर की एक कलाकृति बनाई जाएगी, जिसमें भगवान राम की 18 फीट ऊंची प्रतिमा विराजित की जाएगी। इसके साथ ही यात्रा में टेसू के रंग का प्रयोग किया जाएगा। एक रथ भी तैयार किया जाएगा, जिसे टैंकर पर तैयार किया गया है। इस टैंकर पर युवा भगवान के कृष्ण के रूप में रंग उड़ाते हुए चलेंगे। गौड़ ने बताया कि हर बार की तरह यात्रा के आगे भगवा ध्वज वाहिनी रहेगी व भजन मंडली भी रहेगी। एक रथ अतिथियों के लिए बनाया जा रहा है। चूंकि यात्रा में हर बार बड़ी संख्या में मातृशक्तियां शामिल होती हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए संगठन के 1 हजार कार्यकर्ता रक्षक के रूप में उन्हें घेरे रहेंगे। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
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