भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) में बिन मां की 16 दिन की नवजात बच्ची (New born) ने कोरोना की जंग जीत ली. बेटी को जन्म देते ही कोरोना संक्रमित मां इस दुनिया से चल बसी थी. मां की कोख में बच्ची भी कोरोना से संक्रमित हो गयी थी और तब से भोपाल के एक निजी अस्पताल में उसकी देखभाल की जा रही थी. अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और अपने पिता के साथ घर चली गयी है.
बच्ची की मां कोरोना संक्रमित (Corona infected) हुई और ठीक इलाज नहीं मिला तो पिता अपनी पत्नी को इलाहाबाद से इतनी दूर भोपाल में इलाज कराने के लिए लेकर आए थे. लेकिन डिलीवरी के बाद मां की जान चली गई. इसलिए उम्मीद खो चुका पिता बच्ची को भर्ती कराने के बाद अपने कामकाज के लिए फिर इलाहाबाद लौट गया था. लेकिन अब पिता इस बात को लेकर बहुत खुश हैं कि उनकी बच्ची अब उनके साथ स्वस्थ होकर घर आ रही है.
ये है मार्मिक कहानी
17 दिन पहले इलाहाबाद में इलाज ना मिल पाने के कारण रूही खान 700 किलोमीटर की दूरी तय कर इलाज के लिए भोपाल (Bhopal) के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुई थीं. उस समय वह करीब 35 सप्ताह के गर्भ से थीं. उनकी RTPCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. ऑक्सीजन सेचुरेशन 80 के करीब था. उसी हालात में उन्होंने बच्ची को जन्म दिया. बच्ची जब पैदा हुई तो मां के साथ वो भी कोरोना संक्रमित थी. बच्ची को जन्म देते ही मां चल बसी. बिन मां की और कोरोना संक्रमित बच्ची को ज़िंदगी देना किसी चुनौती से कम नहीं था.
पिता को नहीं थी उम्मीद
बच्ची के पिता राशिद खान हिम्मत हार चुके थे. पत्नी को कोरोना में खोने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि बच्ची बच पाएगी. वो कहते हैं मैं तो बच्चे के जन्म के बाद उसे डॉक्टरों के भरोसे छोड़ इलाहाबाद (Allahabad) वापस अपने कार्य पर चला गया था. यहां पर देखभाल के लिए परिवार के अन्य सदस्य थे. हॉस्पिटल वालों ने मेरी अनुपस्थिति में इस बिन मां की बच्ची का बहुत अच्छे से ध्यान रखा. आज हमारी बच्ची स्वस्थ हो गई है और अब हम उसे घर ले जा रहे हैं.
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