इन्दौर। प्रवासी सम्मेलन के चलते नगर निगम और एनजीओ की टीम ने शहरभर में भिक्षावृत्ति करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया था। दो दिन पहले सराफा चौपाटी से 16 बच्चे भिक्षावृत्ति करते पकड़े गये और जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने कई सनसनीखेज राज टीम के सामने उजागर किए और बताया कि पांच लोगों की टीम उनसे भिक्षावृत्ति कराती है और बदले में उन्हें नशे के लिए थीनर दिया जाता है। अब इस मामले में सराफा पुलिस को बताया गया है और जांच चल रही है।
पलासिया, रीगल, रेलवे स्टेशन, सरवटे बस स्टैंड और कई अन्य स्थानों पर पिछले कई दिनों से भिक्षावृत्ति करने वालों के खिलाफ निगम कर्मचारियों के साथ-साथ संस्था प्रवेश की टीम कार्रवाई कर उन्हें भिक्षुक केंद्र भेज रही है। अब तक सवा सौ से ज्यादा भिक्षुकों को पकड़ा जा चुका है। सराफा चौपाटी पर प्रवासी भारतीयों के आने के चलते निगम और संस्था प्रवेश की टीमों ने कल वहां कार्रवाई करते हुए कई बच्चों को भिक्षावृत्ति करते हुए पकड़ा था। करीब 30 से ज्यादा बच्चे पूरे क्षेत्र में घूम रहे थे और वे लोगों के पीछे लगकर तो कहीं कपड़े खींचकर भिक्षा मांगते हैं। संस्था की अध्यक्ष रूपाली जैन के मुताबिक जब टीम ने वहां कार्रवाई शुरू की तो कई बच्चे भाग गए और 16 बच्चे पकड़ में आए।
कई लोगों के नाम-पते भी बताए
संस्था की अध्यक्ष जैन के मुताबिक पकड़े गए 16 बच्चों ने टीम के सामने बताया कि वे सराफा चौपाटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति करते हैं और उनके माता-पिता समीप ही बैलून और कुछ अन्य सामग्री बेचते हैं। उन्हें चार से पांच लोग इस काम के लिए सराफा चौपाटी में भेजते थे और वे सभी सारे पैसे उन लोगों को सौंप देते थे। बदले में उन्हें नशे के लिए थीनर उपलब्ध कराया जाता था। इस मामले के बाद सराफा टीआई को एनजीओ की टीम ने पूरा मामला बताया। सराफा पुलिस के अधिकारियों ने भी बच्चों से बात की है और जिन लोगों के नाम बताए गए हैं, अब उनकी पड़ताल की जा रही है। संभवत: इसमें और कई बड़े मामले सामने आएंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved