शेखर नगर की बस्ती हटाई… जहां बसाई वहां सुविधाएं नहीं पहुंचाईं
इंदौर। प्रशासन ने शेखर नगर की बस्ती तो हटाई, लेकिन जहां बस्ती बसाई वहां कोई भी सुविधा नहीं पहुंचाई, जिसका नतीजा यह है कि वहां रहने वाले150 से अधिक बच्चों ने जहां पढ़ाई छोड़ दी, वहीं लोगों को दो वक्त का राशन, जाति प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड, (Caste Certificate, Ration Card,) पीने का पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी भटकना पड़ रहा है।
यह मामला अन्नाभाऊ साठे बस्ती (चिकित्सक नगर) के सैकड़ों परिवारों का है। सीपी शेखर नगर (जूनी इंदौर) को पूर्व कलेक्टर (former collector) ने सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत चिकित्सक नगर में विस्थापित किया था, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम नहीं हुआ। वहां के रहवासी अब भी इन सुविधाओं के लिए लड़ रहे हैं। रहवासियों ने कलेक्टर इलैयाराजा टी से मिलकर कहा हम लोग हरसिद्धि मंदिर के सामने स्थित सीपी शेखर नगर में कई वर्षों से रह रहे थे। हम अटाला बेचने और कचरा बीनने का काम करने वाले रहवासी दो वक्त की रोटी कमा रहे थे, लेकिन शहर को सुंदर बनाने के लिए हमें सरकारी मकान देने का लालच देकर विस्थापित कर दिया गया। 1994 से आज तक स्कूल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने के पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। अजय चंदनशिव ने बताया कि चिकित्सक नगर बस्ती के लोगों को सरकार की ओर से दी जाने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, जिसका कारण मूलभूत दस्तावेजों का न होना अधिकारी बता रहे हैं।
कलेक्टर ने तुरंत लिया एक्शन… आज से लगेंगे कैम्प
कलेक्टर तक पहुंची शिकायत के बाद महिला एवं बालविकास विभाग, शिक्षा विभाग व नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मूलभूत सुविधाओं व सरकार की योजनाओं के लिए कैम्प लगाए जाएं। कलेक्टर ने टेम्प्रेरेरी स्कूल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए, वहीं क्षेत्र के एसडीएम को जाति प्रमाण पत्र, राशनकार्ड जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए कैम्प लगाने के निर्देश दिए।
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