नई दिल्ली (New Dehli) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से ठीक तीन माह पहले कांग्रेस (Congress)के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) एक बार फिर यात्रा (Travel)पर निकल रहे हैं। पूरब से पश्चिम की यह यात्रा इंफाल से शुरू होकर मुंबई में खत्म होगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मार्ग कांग्रेस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि, जिन पंद्रह राज्यों से यात्रा गुजर रही है, उनमें से किसी राज्य में पार्टी सत्ता में नहीं है। हालांकि, बिहार और झारखंड में कांग्रेस प्रदेश में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव और भाजपा से मुकाबले को ध्यान में रखते हुए यात्रा का मार्ग तय किया है। राहुल गांधी उन राज्यों में ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं, जहां पार्टी का भाजपा से सीधा मुकाबला है। यात्रा के दौरान राहुल सिर्फ 110 लोकसभा सीट से गुजरेंगे, पर जिन 15 राज्यों से यात्रा गुजर रही है, उन राज्यों में लोकसभा की 357 सीट हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 14 सीट हासिल कर पाई थी, जब 205 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
यात्रा की इंफाल से शुरुआत पूर्वोत्तर राज्यों को ध्यान में रखते हुए की गई। रणनीतिकार मानते हैं कि मणिपुर में हिंसा से लोगों का भाजपा से मोह भंग हुआ है। यही वजह है कि पूर्वोत्तर की 25 सीट के लिए राहुल गांधी 13 दिनों तक पूर्वोत्तर में रहेंगे। असम में कांग्रेस और भाजपा का सीधा मुकाबला है। असम में पार्टी के पास सिर्फ तीन सीट हैं, इसलिए राहुल गांधी आठ दिनों की यात्रा में राज्य की ज्यादातर लोकसभा सीट को छूने की कोशिश करेंगे।
बिहार में जदयू-राजद गठबंधन मजबूत स्थिति में
बिहार में जदयू-राजद गठबंधन मजबूत स्थिति में है, इसलिए यात्रा चार दिन में सिर्फ सात जिलों का सफर करेगी। पर झारखंड में यात्रा 8 दिनों में 13 जिलों से गुजरेगी। पिछले चुनाव में भाजपा ने राज्य की 14 में 12 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस और जेएमएम को एक-एक सीट मिली थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यात्रा से कांग्रेस और जेएमएम दोनों का लाभ मिलेगा। इसलिए, छोटा राज्य होने के बावजूद ज्यादा वक्त दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने आदिवासी सीट पर खराब प्रदर्शन किया था। ऐसे में राहुल गांधी पांच दिन आदिवासी क्षेत्रों से गुजरेंगे। वर्ष 2019 के लोकसभा में प्रदेश में सरकार होने के बावजूद पार्टी 11 में सिर्फ 2 सीट जीत पाई थी। जबकि राजस्थान में सभी 25 सीट पर एनडीए की जीत हुई थी। पहली यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी राजस्थान से गुजरे थे, पर चुनाव में बहुत लाभ नहीं मिला था।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सबसे अहम गुजरात
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सबसे अहम गुजरात है। पहली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी गुजरात नहीं गए थे। प्रदेश में संगठन की स्थिति बेहद कमजोर है। इसके बावजूद पार्टी ने भाजपा से सीधा मुकाबले के लिए पांच दिन में सात जिलों में करीब साढ़े चार सौ किमी का सफर तय करने का फैसला किया है। वर्ष 2014 व 2019 के चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की हार हुई थी।
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