50 करोड़ का ठेका कॉलोनी विकसित करने वाले जिस ठेकेदार को दिया उसे ही 16 साल पहले बिका अवैध शॉपिंग प्लॉट बेचा, अभी भी मजदूर पंचायत संस्था में भूमाफियाओं का दखल जारी
इंदौर, राजेश ज्वेल
भूमाफियाओं के खिलाफ शासन-प्रशासन ने डेढ़ साल पहले बड़ी कार्रवाई शुरू की, जिसमें कई एफआईआर भी दर्ज हुई और अयोध्यापुरी से लेकर पुष्प विहार के पीड़ितों को भूखंडों का आवंटन किया गया। देवी अहिल्या और मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था के फर्जीवाड़ों की जांच तो अभी भी चल रही है, वहीं इसी बीच पुष्प विहार में सक्रिय भूमाफिया ने एक और बड़ा खेल कर दिखाया और गत वर्ष 15 करोड़ रुपए कीमत के शॉपिंग प्लॉट को मात्र 4 लाख रुपए में बेच डाला और उसकी रजिस्ट्री भी करवा दी। मजदूर पंचायत द्वारा विकसित पुष्प विहार कालोनी में इन दिनों तेजी से विकास कार्य रहवासी संघ द्वारा करवाए जा रहे हैं।
सड़क, बगीचे सहित अन्य विकास कार्यों का ठेका लगभग 50 करोड़ रुपए का है और प्रति भूखंडधारकों से 338 रुपए स्क्वेयर फीट की दर से राशि जमा करवाई जा रही है। लगभग डेढ़ हजार भूखंडधारकों को कब्जे दिए गए हैं, तो लगभग एक हजार ने राशि भी जमा करवा दी है। संस्था में अभी वर्तमान अध्यक्ष अनिल चौहान हैं, जिन्होंने 22 दिसंबर 2021 को 10 हजार 780 स्क्वेयर फीट के बेशकीमती शॉपिंग भूखंड की रजिस्ट्री एवरग्रीन डेवलपर्स तर्फे राम अवतार सोनी के पक्ष में करवा दी। कलेक्टर गाइडलाइन के मान से ही भूखंड की कीमत सवा 2 करोड़ रुपए से अधिक होती है और बाजार कीमत की अगर बात की जाए तो 14-15 हजार रुपए स्क्वेयर फीट का भाव है, जिसके मुताबिक यह भूखंड 15 करोड़ रुपए से कम कीमत का नहीं है, लेकिन उसकी रजिस्ट्री मात्र 4 लाख 1 हजार 401 रुपए में करवा दी गई। मजे की बात यह है कि उक्त भूखंड की रजिस्ट्री 2006 में ही संस्था के सदस्य बनाए गए संजय सिंह के पक्ष में की गई थी, जिसमें 5 लाख 93 हजार रुपए जमा होने की बात कही गई। यानी 16 साल बाद भूखंड की कीमत रजिस्ट्री में ही घट गई और नए सदस्य को बेच डाला। पुष्प विहार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एनके मिश्रा का कहना है कि ये रजिस्ट्री भी अवैध है और पूर्व में जो रजिस्ट्री इस शॉपिंग भूखंड की हुई थी वह भी चूंकि मैनेजर बनाए गए नसीम हैदर ने की थी, वह भी अवैध ही है और इन रजिस्ट्रियों को कोर्ट के जरिए निरस्त करवाने की प्रक्रिया भी चल रही है। इधर आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई कर रखी है और दूसरी तरफ उनकी हिम्मत इतनी है कि 6 महीने पहले पुष्प विहार के इस बेशकीमती शॉपिंग भूखंड की रजिस्ट्री अपने चहेते ठेकेदार के पक्ष में करवा दी, जिसे 50 करोड़ रुपए के कालोनी विकास का ठेका सौंपा गया है। करोड़ों रुपए के इस नए भूखंड पर देखना यह है कि प्रशासन और सहकारिता विभाग क्या कार्रवाई करता है।
25 जून के बाद संस्था पर काबिज होगा रिसीवर
पुष्प विहार कालोनी विकसित करने वाली मजदूर पंचायत संस्था में अभी अध्यक्ष अनिल चौहान है, जिसका कार्यकाल 25 जून को समाप्त हो जाएगा और उसके बाद सहकारिता विभाग प्रशासक की नियुक्ति कर देगा। अभी चूंकि चुनावी आचार संहिता लगी हुई है, लिहाजा संस्था के भी निर्वाचक मंडल का चुनाव बाद में ही कराया जा सकेगा। वर्तमान अध्यक्ष भी संस्था पर काबिज भूमाफिया का ही आदमी है।
200 भूखंडों के साथ बड़ी जमीनें अवैध बिकी हैं
संस्था पर भूमाफिया ने कब्जा कर अपने मोहरों को पदाधिकारी बना दिया और अंडे का ठेला लगाने वाले नसीम हैदर को मैनेजर बना दिया, जिसने 200 भूखंडों की अवैध रजिस्ट्री के साथ-साथ बड़ी-बड़ी जमीनों के टुकड़े भी नाचानी, छाबड़ा से लेकर अन्य रसूखदारों को बेच डाले। उसमें ये शॉपिंग भूखंड भी शामिल रहा। इसकी पुरानी रिजस्ट्री तो अवैध थी ही, वहीं 6 महीने पहले एक नई रजिस्ट्री और करवाई गई।
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