बेरूत । लेबनान की राजधानी बेरूत के पोत पर हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 हो गयी है। लेबनान के ओरियंट ली-जॉर नामक समाचार पत्र ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट में इससे पहले मृतकों की संख्या 137 बताई जा रही थी।
लेबनान की राजधानी बेरूत के पोत पर मंगलवार शाम को हुए भीषण विस्फोट के कारण करीब आधा शहर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। विस्फोट के कारण 5000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। लेबनान के अधिकारियों ने कहा है कि पोत पर यह भीषण धमाका 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट के कारण हुआ था, जो असुरक्षित तरीके से पोत के एक गोदाम में रखा गया था।
तबाही के बाद अब यहां गुस्से का मंजर है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि लापरवाही और कुप्रबंध के चलते इतना भीषण धमाका हुआ, जिससे ना सिर्फ शहर बल्कि पूरा मुल्क दहल गया। हालांकि सरकार ने वादा किया है कि वह जांच कराकर उन लोगों की जवाबदेही तय करेगी, जो इस भीषण धमाके लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे।
अधिकारियों के अनुसार, बेरुत के बंदरगाह पर वर्ष 2013 में एक शिपमेंट से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट आया था, जिसे एक गोदाम में रखा गया था। इसका इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बम बनाने में किया जाता है। लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम को इस तरह छोड़ दिया था कि जैसे यह कोई सामान्य चीज हो। इस लापरवाही का खामियाजा मंगलवार को भीषण धमाके के रूप में सामने आया। आतिशबाजी से गोदाम में आग लगने से धमाका होने का अंदेशा है।
प्रधानमंत्री हसन दिएब ने कहा, ‘यह लापरवाही की हद है कि गोदाम में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के अमोनियम नाइट्रेट का इतना बड़ा जखीरा रखा था। यह अक्षम्य है। इस पर हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।’ इस घटना से बेरुत के लोगों में भी काफी गुस्सा है। नदा चेमली नामक एक कारोबारी ने गुस्से में कहा, ‘धमाके में मेरी दुकान और घर तबाह हो गया है। सरकार से भी मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। इतनी गंभीर लापरवाही का खामियाजा भुगतने पर हमारी कौन मदद करेगा?’ 42 साल के रोजर मैटर ने बताया कि धमाका इतना तीव्र था कि उसके अपार्टमेंट की खिड़कियां और दरवाजों के शीशे तक चकनाचूर हो गए। सब लोग अब भी सहमे हुए हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
बेरुत के गवर्नर मारवन अबोद ने बताया कि धमाके से करीब आधे शहर को नुकसान पहुंचा है। इस भीषण विस्फोट के चलते शहर को 15 अरब डॉलर (करीब एक लाख दस हजार करोड़ रुपये) तक की क्षति पहुंचने का अनुमान है। तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं। बेरुत में धमाका इतना तीव्र हुआ था कि उसकी गूंज 160 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी थी।
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