– अब तक सेना में कुल 424 महिला अधिकारियों को दिया जा चुका है स्थायी कमीशन
नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) में 147 और महिला अधिकारियों (147 more women officers ) को स्थायी कमीशन (Permanent commission) दिया गया है। अब तक कुल 615 महिला अधिकारियों में से 424 को स्थायी कमीशन दिया जा चुका है। सेना में स्थायी या परमानेंट कमीशन (Permanent commission) का मतलब है कि अब महिला सैन्य अधिकारी (female military officers) भी रिटायरमेंट की आयु तक सेना में काम कर सकती हैं और इसके बाद उन्हें पेंशन भी मिलेगी। अगर वे चाहें तो समयपूर्व सेवानिवृत्ति भी ले सकती हैं। कुछ महिला सैन्य अधिकारियों (female military officers) का परिणाम प्रशासनिक कारणों की वजह से रोका गया है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इन्तजार है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 2010 में सेना की उन सभी शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था, जिसमें वे उस समय सेवा दे रही थीं। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी, 2020 को हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और केंद्र सरकार को सेना में महिलाओं को शीर्ष पद देने के लिए तीन माह का समय दिया। रक्षा मंत्रालय की ओर से पांच माह बाद इस बाबत 23 जुलाई, 2020 को नोटिफिकेशन जारी करके सेना में महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थायी कमीशन दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया गया। इसके बाद भारतीय सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू की गई जिसके लिए सितम्बर, 2020 में एक विशेष संख्या 5 चयन बोर्ड गठित किया गया। बोर्ड की कार्यवाही 14 से 25 सितम्बर तक आयोजित की गई और नवम्बर, 2020 में परिणाम घोषित किए गए।
विशेष चयन बोर्ड के समक्ष सेना में स्थायी कमीशन पाने के लिए 615 महिला अधिकारियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 424 को फिट पाया गया। स्थायी कमीशन के लिए अयोग्य पाई गईं 68 महिला अधिकारियों को पेंशन के साथ सेवा से मुक्त कर दिया गया। इस तरह पहली बार में कुल 277 महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन दिया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2021 में उन 191 महिला अधिकारियों के मामलों पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया, जिन्हें अनफिट करार देकर स्थायी कमीशन नहीं दिया गया था। सेना की ओर से बुधवार को बताया गया कि कुछ महिला अधिकारियों का परिणाम प्रशासनिक कारणों की वजह से रोका गया है। इस मामले में यूओआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पष्टीकरण याचिका का फैसला आने का इन्तजार किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन महिला अधिकारियों पर फिर से विचार किया गया और नए परिणामों को अब डी-क्लासिफाई किया गया है। नतीजतन 147 और महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया है। इस तरह अब कुल 615 महिला अधिकारियों में से 424 को स्थायी कमीशन दिया गया है। जिन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया है, उन्हें भारतीय सेना में उच्च नेतृत्व संभालने के लिए विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और चुनौतीपूर्ण सैन्य कार्य से गुजरना होगा। इनमें 33 महिला अधिकारियों के एक बैच ने हाल ही में आर्मी वार कॉलेज महू से मिड लेवल टैक्टिकल ओरिएंटेशन कोर्स पूरा कर लिया है।
इसके अलावा विशेष चयन बोर्ड ने जिन महिला अधिकारियों का चयन किया था लेकिन उन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया था, वे 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन के लिए पात्र होंगी। पहले ही 20 साल की सेवा पूरी करने वाली महिला अधिकारियों को पेंशन के साथ सेवानिवृत्त किया गया है। जो महिला अधिकारी अभी भी सेवा में हैं, उन्हें 20 साल की नौकरी पूरी करने के बाद पेंशन के साथ सेवामुक्त किया जाएगा। जिन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है, वे इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शाखाओं में जाएंगी। इस समय सेना में कार्यरत लगभग 43 हजार अधिकारियों में से लगभग 1,653 महिला अधिकारी हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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