इंदौर, प्रदीप मिश्रा। शहर सहित इंदौर जिले में इस साल 146 ऐसे मरीज सामने आए हैं, जिन्हें टीबी और एड्स की दो- दो बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। साल 2022 में भी इसी तरह बीमारियों से दोहरी जंग लडऩे वाले 167 मरीज मिले थे। पिछले 2 सालों में जहां 15 हजार 986 टीबी के मरीज मिले हैं तो वहीं 313 ऐसे मरीज मिले हैं, जिन्हें टीबी और एड्स दोनों बीमारियों का इलाज कराना पड़ रहा है।
टीबी की बीमारी के दौरान की गई मेडिकल जांचों के दौरान चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है कि इंदौर जिले में इस साल से ज्यादा ऐसे मरीज हैं, जो एक साथ दो-दो जानलेवा बीमारियों से दोहरी जंग लड़ रहे हैं। किसी को टीबी की बीमारी थी तो वो कुछ दिनों बाद एड्स की या फिर कोई एड्स से पीडि़त था तो वो टीबी के चपेट में आ चुका है।
इस साल 8 हजार से ज्यादा टीबी मरीज
जिला क्षय अधिकारी डॉक्टर शैलेन्द्र जैन के अनुसार इस साल इंदौर जिले में लगभग 8108 टीबी के मरीज मिल चुके हैं। इसके पहले पिछले साल 2022 में टीबी के 7878 मरीज सामने आए थे। इस तरह 2 सालों में टीबी मरीजों की संख्या 15 हजार 986 हो चुकी है। इंदौर जिले में पिछले दस सालों में 2014 से लेकर अभी 2023 तक 6073 लोग एड्स की चपेट में आ चुके हैं। साल 2014 में जहां 885 एड्स के मरीज थे तो वहीं अभी तक इस साल 503 नए मरीज मिल चुके हैं।
दोहरी जंग लडऩे वाले 550 से ज्यादा
साल 2017 से अभी 2023 तक 574 ऐसे मरीज हैं, जो दोहरी बीमारी से जंग लड़ रहे हैं। इनमें कुछ मरीजों की मृत्यु भी हो चुकी है। इनके आंकड़े फिलहाल मौजूद नहीं हैं।
साल………………….मरीज
2017…………………..67
2018 ………………….44
2019 ………………….57
2020 ………………….32
2021 ………………….61
2022…………………167
2023 ………………..146
कुल………………….574
सामान्य टीबी हो, एमडीआर टीबी या फिर एड्स हो, इन बीमारियों से पीडि़त मरीजों के स्वस्थ होने तक इनकी सारी जांचें और इलाज सरकार बिलकुल मुफ्त में करवाती है। इन बीमारियों से सम्बंधित लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से इलाज व तुरंत जांच सम्बन्धित सलाह लेना चाहिए।
डॉक्टर शैलेन्द्र जैन ,
जिला क्षय अधिकारी एवं एड्स नोडल सह अधिकारी, इंदौर
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