डेस्क: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम (Lord Ram) ने वनवास काल (Exile Period) के दौरान मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई जिलों (Districts) में अपना समय बिताया था. इन सभी स्थानों को चिन्हित करने जा रही है, जिसके बाद इस रुट पर ‘राम वन गमन पथ’ (Ram Van Gaman Path) किया जाएगा. मध्य प्रदेश की मोहन यादव (Mohan Yadav) सरकार 1450 किलोमीटर लंबे रुट “राम वन गमन पथ” का निर्माण करने जा रही है. इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण के पथ को लेकर भी सरकार की कार्य योजना तैयार हो रही है. इन सभी स्थानों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव ने भगवान श्री कृष्णा और भगवान श्री राम के मध्य प्रदेश से गुजरने वाले स्थानों को तीर्थ स्थान के रूप में विकसित करने का ऐलान किया था. इसके अलावा भगवान श्री राम और कृष्ण के पथ गमन मार्ग का भी निर्माण किया जाएगा. भगवान श्री राम के राम वन गमन पथ के निर्माण को लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है. जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि 1450 किलोमीटर लंबे पथ का निर्माण किया जाएगा. इन सभी स्थानों से भगवान श्री राम के गुजरने के प्रमाण मिलते हैं.
मध्य प्रदेश के कई शहरों में भगवान श्री राम के आगमन को लेकर प्रमाण मिलते हैं. उन्होंने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ मध्य प्रदेश के कई इलाकों में वनवास काल बिताया था. इनमें चित्रकूट, बालाघाट, जबलपुर, उज्जैन, खंडवा, होशंगाबाद जगहें शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, भगवान श्री राम ने चित्रकूट से मध्य प्रदेश में प्रवेश किया था. चित्रकूट का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है.
मध्य प्रदेश में वह जबलपुर में जबाली ऋषि से मिलने गए थे. इसके अलावा होशंगाबाद में नर्मदा किनारे भी उन्होंने वनवास का समय बिताया था, जहां पर वर्तमान में साक्ष्य के रूप में रामघाट स्थित है. इसके अलावा खंडवा जो की खांडव वन के नाम से प्रसिद्ध था, वहां भी भगवान श्री राम ने वक्त बिताया था. इसी तरह मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भी उन्होंने अपने पिता दशरथ का तर्पण किया था. इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी उनके वनवास बिताने के साक्ष्य मिलते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved