नई दिल्ली । पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) से ठीक पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के यूथ विंग नैशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के 1400 कार्यकर्ताओं (1400 NSUI activists) ने जम्मू में सामूहिक तौर पर (collective resignation) इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में एनएसयूआई के महासचिव और उपाध्यक्ष (NSUI General Secretary and Vice President) , जिला मीडिया समन्वयक और अन्य पदाधिकारी (District Media Coordinator and other officials) शामिल हैं।
NSUI के कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ सदस्यता से इस्तीफा दिया है बल्कि कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बहुत गंभीर आरोप भी लगाए हैं। NUSI कार्यकर्ताओं ने पार्टी के ऊपर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने विंग की सदस्यता के लिए प्रति सदस्य 100 रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसके बाद किसी तरह का कोई चुनाव नहीं कराया गया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अब उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
NSUI के इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत भी की है। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि उनके साथ सदस्यता के नाम पर धोखाधड़ी की गई है और इन सबमें NSUI हाई कमान को भी निशाने पर लिया गया। NSUI वर्कर्स का कहना है कि उनसे फीस भी ले ली गई और 2.5 साल बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराया गया। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा गया कि आला अधिकारियों से इस बारे में शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी इस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। कई राज्यों में चुनावी हार के बाद पार्टी के अंदर फूट और कलह सार्वजनिक तौर पर सामने आई है। गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा जैसे 23 वरिष्ठ नेताओं ने बीते साल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत की थी कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है। हालांकि पार्टी का एक हिस्सा इस विरोध से इनकार करता रहा है और उसका कहना है कि राहुल गांधी के नाम पर पार्टी एकजुट है।
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