जालौर: राजस्थान के जालौर में ग्रामीणों और पुलिसबलों के बीच भीषण झड़प की कई तस्वीरें सामने आईं. इस झड़प का कारण है प्रशासन का वह आदेश जिसमें जालोर जिले के बाड़मेर रोड स्थित ओडवाडा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 140 से ज्यादा पक्के मकान हटाने के आदेश दिए हैं. आदेश के अनुसार पुलिस भारी फोर्स और जेसीबी के साथ गांव में मकान गिराने पहुंची लेकिन इसके विरोध में ग्रामीण सड़कों पर आ गए.
जानकारी के मुताबिक ये मामला तब उठा दो भाईयों के बीच जमीन का विवाद हुआ. ये विवाद हाईकोर्ट पहुंचा तो ये बात सामने आई की ये सारी ही सरकारी जमीन है. बस फिर क्या था कोर्ट ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जारी कर दिए और वहां रहने वाले लोगों को तीन दिन का नोटिस दे दिया. वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है की वह किसी भी तरह से इस जगह को खाली नहीं करेंगे. उनके घर यहां हैं वह कहां जाएंगे.
ग्रामीणों का कहना है की दो भाईयों के विवाद की सजा गांव वालों को क्यों दी जा रही है. आज जब पुलिस फोर्स जेसीबी लेकर गांव में दाखिल हुए तो ग्रामीण सड़कों पर आ गए. जबरदस्त हंगामे के बीच पुलिस की ग्रामीणों से झड़प भी हो गई, जिसमें कई महिलाएं बेहोश हो गईं. हालांकि पुलिसकर्मी नहीं रुके. उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए लाठीचार्ज किया और ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया.
लोगों का कहना है की वह पीढ़ीयों से यहीं रह रहे हैं. उनका जन्म यहीं हुआ है. वह कहां जाएंगे. घरों पर जेसीबी और बुल्डोजर चलता देख वहां महिलाएं बेसुध हो गईं. छोटी-छोटी बच्चियां बेघर होते ही चीखती चिल्लाने लगीं. लेकिन पुलिस की कार्रवाई नहीं रुकी. जो लोग लाठीचार्ज के बाद भी विरोध करते दिखे उन्हें पुलिस ने पकड़कर वैन में डाल दिया. इस दौरान की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई हैं, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस भी इस मामले पर सरकार को घेर रही है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘जालोर के ओडवाडा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार, महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा. भाजपा के नये राजस्थान में आपका स्वागत है. शर्मनाक!’.
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