मरीजों के नि:शुल्क इलाज का भी दावा… इंदौर जिला अग्रणी भूमिका निभाए – मुख्यमंत्री
इंदौर। ब्लैक फंगस (Black fungus) के इंजेक्शनों का जबरदस्त टोटा पड़ा है। कल मुख्यमंत्री के आगमन पर कई लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और एक मरीज के परिजन ने एसडीएम के पांव छूकर इंजेक्शन दिलाने की गुहार लगाई। दूसरी तरफ प्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक का कहना है कि 1380 इंजेक्शन प्रदेश के लिए प्राप्त हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस (Black fungus) के पात्र मरीजों का नि:शुल्क उपचार कराया जाएगा। यह बात अलग है कि निजी अस्पताल 50 लाख रुपए तक का खर्चा बता रहे हैं। पोस्ट कोविड सेंटर खोलने की बात भी कही गई, जहां पर ब्लैक फंगस (Black fungus) पीडि़त मरीज में खून के थक्के जम रहे हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी।
कोरोना से तो कई मरीजों को मुक्ति मिल गई, लेकिन अंधाधुंध लगाए गए इंजेक्शनों, स्टेरॉइड और अन्य दवाइयों के चलते अब वे ब्लैक फंगस का शिकार हो गए हैं। इंदौर में ही 150 से अधिक ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीज मिल चुके हैं, जिनका इलाज करवाना भी अत्यंत महंगा पड़ रहा है और इंजेक्शनों की उपलब्धता तो ऊंट के मुंह में जीरे से भी कम है। एक मरीज को 40-50 या उससे अधिक इंजेक्शन लग रहे हैं, जबकि गिनती के मरीजों को एक या दो दिन के ही डोज उपलब्ध हो पा रहे हैं। इधर प्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक पी. नरहरि के मुताबिक ब्लैक फंगस (Black fungus) के लिए एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन इस्तेमाल होता है, वह अभी तक 4332 उपलब्ध हुए हैं। 24 घंटे में 1380 इंजेक्शन प्रदेेश के लिए प्राप्त हुए हैं, जिन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की आपूर्ति अवश्य अब सामान्य हो गई है और रोजाना हजारों की संख्या में ये इंजेक्शन मिलने लगे हैं। वहीं ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर दावा किया गया कि कल 573 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता रही और इसकी मांग में भी लगातार कमी आ रही है, लेकिन अब सबसे बड़ा संकट ब्लैक फंगस को लेकर हो गया है। इसको लेकर कोविड सेंटर और पात्र मरीजों के नि:शुल्क इलाज का दावा किया गया है।
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