उज्जैन। 1 जनवरी 2024 से अब तक यानी 9 माह में करीब एक हजार 367 सड़क हादसे हुए है। इसमें 1362 लोग घायल और करीब 229 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। औसतन रोजाना एक से दो लोगों की मौत और करीब 5 लोग घायल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में महाकाल लोक बनने से यातायात काफी बढ़ गया है। रोजाना हजारों वाहन शहर में प्रवेश कर रहे हैं। वाहनों के साथ ही सड़क हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। उज्जैन में सड़क पर लगभग 34 खतरनाक मोड़, गड्ढे और 26 ब्लैक स्पाट हैं। इन सड़कों पर बीते 9 माह में हुए एक हजार 367 सड़क हादसों में 229 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 1362 लोग घायल हुए हैं। इसमें ज्यादा युवा वर्ग के लोगों की मौत हुई है। जबकि पिछले साल इस अवधि में कुल 1700 हादसे हुए थे और 1048 लोग घायल हुए थे। यह जानकारी ट्रैफिक पुलिस के 1 जनवरी से 30 सितम्बर 2023 और इस साल 1 जनवरी से 30 सितम्बर तक हुए सड़क हादसों के आंकड़ों के अध्ययन से पता चली है। यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इसकी मुख्य वजह तेज रफ्तार से वाहन चलाना, नशे की हालत, मोबाइल का उपयोग, हेलमेट और मोटरयान अधिनियम के अनुसार नियंत्रित रूप से वाहन नहीं चलाया जाना है।
जिले 8 ब्लैक स्पॉट और कई अंधे मोड़ चिन्हित
वैसे तो जिले में ऐसे कई स्पॉट हैं, जहाँ हादसे का खतरा अन्य स्थानों की तुलना में सबसे अधिक होता है। कहीं लेफ्ट टर्न समस्या बनी हुई है तो कहीं संकरे रोड या फिर क्रासिंग की वजह से हादसे हो रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में हुए हादसों के विश्लेषण के बाद ट्रैफिक पुलिस ने 8 ब्लैक स्पॉट और करीब 25 नए स्थान चिन्हित किए गए हैं। जहाँ आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ अधिक होती रहती हैं। खास बात यह है कि जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में हर बार ये गंभीर मुद्दा उठता है। यातायाात, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, एनएचएआई-एमपीआरडीसी के अधिकारियों को प्लान और सुधार के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन कोई काम ही नहीं होते।
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