बीजिंग। चीन ने कम से कम 1300 भारतीय विद्यार्थियों को वीजा दे दिया है। ये विद्यार्थी चीन के विश्व विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते वहां से लौट आए थे। उसके बाद से चीन द्वारा वापसी का वीजा नहीं दिए जाने से परेशान थे।
चीन ने देश में लागू कोविड पाबंदियों के बीच भारतीय विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है, कोविड-19 पाबंदियों के बावजूद चीन और भारत के बीच आवाजाही बढ़ी है। कम से कम 1,300 भारतीय विद्यार्थियों को वीजा प्रदान किया गया है।
चीनी प्रवक्ता ने यह जानकारी चीनी विश्वविद्यालयों द्वारा भारतीय छात्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने में देरी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दी। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय विद्यार्थियों से अपने विश्वविद्यालयों के निकट संपर्क में रहने और कैंपस में वापसी की योजना बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों की चीनी यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों से संपर्क सूत्र खुले हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के कम से कम 40 विश्वविद्यालयों ने अब भी भारतीय छात्रों को एनओसी जारी नहीं की है। यह एनओसी चीनी वीजा आवेदन के साथ पेश करना जरूरी है। इससे हजारों भारतीय विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है। ये विश्वविद्यालय छात्रों के पत्राचार का जवाब नहीं दे रहे हैं। कुछ विश्व विद्यालयों का कहना है कि चीन की प्रांतीय सरकारें उन्हें एनओसी जारी करने से रोक रही हैं।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन सरकार देश में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए विदेशी छात्रों का स्वागत करती है। उन्हें हर संभव सहायता की है। विदेशी छात्र जो चीन में डिग्री हासिल करना चाहते हैं, वे अपने देशों में स्थित चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास में वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इससे पहले रविवार को बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करने की योजना बना रहे छात्रों के लिए एक व्यापक सलाह जारी की। बता दें, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय विद्यार्थियों की चीन वापसी व उनके वीजा का मुद्दा कई बार उठा चुके हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved