नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार को एक अलग ही तस्वीर सामने आई. इस दिन फ्लाइट का संचालन बाधित रहा, लगभग 68% फ्लाइट में देरी हुई. इससे काफी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचने में उनको देरी हुई. इस बाधा को लेकर एयरपोर्ट के ऑपरेटर ने कहा कि एयरलाइंस 4 महीने पहले जारी किए गए व्यवधानों के बारे में चेतावनियों पर ध्यान देने में फेल रही और अपने फ्लाइट शेड्यूल को एडजस्ट करने पर ध्यान नहीं दिया.
फ्लाइट-ट्रैकिंग सेवा Flightradar24 के अनुसार, रविवार को रात 11.30 बजे तक 501 डिपार्चर और 384 आगमन (Arrivals) में देरी की वजह से हजारों यात्री प्रभावित हुए. यह एयरपोर्ट की तरफ से रोजाना संभाली जाने वाली लगभग 1,300 फ्लाइट में से 68% से कुछ ज्यादा है. साथ ही डिपार्चर में औसतन एक घंटे की देरी हुई और आगमन में 75 मिनट की देरी हुई. एयरपोर्ट चार रनवे संचालित करता है, जिसमें से 27/09, 28/10 (ये दोनों रनवे पुराने हैं), 29एल/11आर और 29आर/11एल, नए रनवे हैं जो साल 2023 में चालू हुए हैं.
एयरपोर्ट पर हुई इस परेशानी के लिए अधिकारियों ने खराब प्लानिंग और महीनों से चल रहे मिसकम्युनिकेशन को जिम्मेदार ठहराया. दरअसल, व्यस्त गर्मियों के ट्रेवल सीजन के दौरान एयरपोर्ट के चार रनवे में से एक को अपग्रेड के लिए बंद कर दिया गया, साथ ही हवा की दिशा में असामयिक परिवर्तन से भी बाधा हुई. एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने कहा कि एयरलाइन को चार महीने पहले ही रनवे अपग्रेड और संभावित हवा व्यवधान के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन उन्होंने “बहुत कम या कोई बदलाव नहीं” किया.
डीआईएएल ने यह भी कहा कि रनवे अपग्रेड को लेकर एयरलाइन को पहले से जब जानकारी दी जाती है तो इसका मकसद यह होता है कि वो एयरलाइंस को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के हित में सूचना पर उड़ानों को दोबारा से शेड्यूल करें या फिर रद्द करें. हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट पर बहुत कम या कोई बदलाव नहीं किया गया था. दुर्भाग्य से इस सीमित कार्रवाई/गैर-कार्रवाई ने दिल्ली एयरपोर्ट और एटीसी सहित सभी हितधारकों के लिए फ्लाइट के परिचालन के लिए चुनौतियों को पैदा किया. डीआईएएल ने कहा कि एयरपोर्ट ने हितधारकों के साथ बातचीत कर के, अपग्रेड कार्य को अस्थायी रूप से सस्पेंड करने का निर्णय लिया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved