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    इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली 1300 कंपनियों को अब मिल रहे नोटिस, चंदा दिखाकर लिया लाभ

  • July 01, 2024

    नई दिल्ली. इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bonds) खरीदकर राजनीतिक पार्टियों (Political parties) को चंदा (donations) देने वाली कंपनियों पर टैक्स अथॉरिटीज़ की टेढ़ी नजर है. सुनने में आया है कि जिन कंपनियों ने राजनीतिक दलों को डोनेशन दिया था, उन्हें अब टैक्स अथॉरटीज़ (Tax Authorities) से नोटिस मिलने लगे हैं. इलेक्टोरल बॉन्ड्स (Electoral bonds) को सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में असंवैधानिक करार दिया था.


    इकॉनमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कंपनियों को इस बाबत नोटिस मिले हैं. ये वे कंपनियां हैं जिन्होंने चंदे में कंट्रीब्यूशन के लिए टैक्स छूट के लिए क्लेम किया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों में बड़े-बड़े ग्रुप शामिल हैं, जिनमें कुछ प्रमुख नाम हैं- इंफोसिस, एम्बैसी ग्रुप, मेघा इंजिनियरिंग, आदित्य बिड़ला ग्रुप, जेएसडब्ल्यू स्टील, टोरेंट फार्मा, लूपिन, इन्टास, भारती एयरटेल और अलेम्बिक फार्मा.

    अब आगे क्या?
    जनवरी 2018 में शुरुआत के बाद से इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के माध्यम से राजनीतिक दलों को 16,518 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. हालांकि, 15 फरवरी को देश के सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया, जिससे चंदा देने वाले कॉरपोरेट के बीच उनके योगदान पर टैक्स के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ गई. ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके जवाब में, कॉरपोरेट्स ने आगामी बजट में हस्तक्षेप और संभावित राहत की मांग करते हुए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है.

    इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए आंकड़ों को मुताबिक टॉप डोनर्स की लिस्ट इस प्रकार है –

    फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर
    मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
    क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड
    वेदांता लिमिटेड
    हल्दिया एनर्जी लिमिटेड
    भारती ग्रुप (इसमें भारती एयरटेल लिमिटेड, भारती एयरटेल करंट एसी जीसीओ, भारती इंफ्राटेल, भारती टेलीमीडिया शामिल हैं.)
    एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
    वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड
    केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड
    मदनलाल लिमिटेड

    किस कंपनी ने कितने रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, यहां पूरी लिस्ट है

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    किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला?
    भारतीय जनता पार्टी ने कुल 6,986.5 करोड़ के चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें से 2,555 करोड़ 2019-20 में प्राप्त हुए. तृणमूल कांग्रेस (TMC) को चुनावी बॉन्ड के ज़रिए 1,397 करोड़ मिले, जो भाजपा के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है. कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिए कुल 1,334.35 करोड़ भुनाए. भारत राष्ट्र समिति (BRS) चुनावी बॉन्ड के ज़रिए चौथी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता है, जिसने 1,322 करोड़ के बॉन्ड भुनाए.

    द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को चुनावी बॉन्ड के ज़रिए 656.5 करोड़ मिले, जिसमें लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग से 509 करोड़ शामिल हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) को चुनावी बॉन्ड के ज़रिए 14.05 करोड़, अकाली दल को 7.26 करोड़, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को 6.05 करोड़, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 50 लाख मिले.

    बीजू जनता दल (BJD) ने 944.5 करोड़, युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSR कांग्रेस) ने 442.8 करोड़, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 181.35 करोड़ के चुनावी बॉन्ड भुनाए. बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI (M)), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेज़ों में चुनावी बॉन्ड के ज़रिए उन्हें कुछ नहीं मिला.

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