नई दिल्ली। फिटनेस इंडस्ट्री में सबसे अधिक जिस बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट का प्रयोग होता है, वो है ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ (Protein Supplement). इसे आम भाषा में प्रोटीन पाउडर भी कहते हैं. प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर हो या बिगिनर, हर कोई एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन पाउडर पीता है. हालांकि, कुछ रिसर्च बताती हैं कि प्रोटीन पाउडर लेने के फायदे तो होते ही हैं लेकिन कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्टडी में 134 प्रोटीन पाउडर में 130 तरह के खतरनाक केमिकल पाए गए थे.
हार्वर्ड से एफिलेटेड ब्रिघम और वुमन हॉस्पिटल में न्यूट्रिशनिस्ट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कैथी मैकमैनस (Kathy McManus) का कहना है कि ‘मैं कुछ खास मामलों को छोड़कर प्रोटीन पाउडर का उपयोग करने की सलाह नहीं देता. प्रोटीन पाउडर किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही लेना चाहिए.’ अगर आप भी प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट का प्रयोग करते हैं तो यह आर्टिकल जरूर पढ़ें
प्रोटीन पाउडर क्या होता है (What is protein powder)
प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट, पाउडर के रूप में होता है. प्रोटीन पाउडर कई रूप में आता है. जैसे कैसीन, व्हे प्रोटीन आदि. प्रोटीन पाउडर में चीनी, आर्टिफिशिअल स्वीटनर, विटामिन, मिनरल मिलाए जाते हैं. मार्केट में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर की एक स्कूप में 10 से 30 ग्राम तक प्रोटीन हो सकता है.
मैकमैनस कहते हैं, प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट के समय के मुताबिक साइड इफेक्ट सामने आते हैं. इसे लेने से डाइजेशन संबंधित परेशानी हो सकती है. अधिकतर प्रोटीन पाउडर को दूध से बनाया जाता है. जिन लोगों को डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी होती है या जो लोग लैक्टोज (दूध की मिठास) को डाइजेस्ट नहीं कर पाते, उन्हें पेट संबंधित परेशानियां होने लगती हैं.
मैकमैनस बताते हैं, कुछ प्रोटीन पाउडर में बहुत कम चीनी होती है और अन्य में बहुत अधिक. यह एक्स्ट्रा चीनी कई तरीके से शरीर को प्रभावित कर सकती है. इन प्रोटीन पाउडर्स में अधिक कैलोरी होने से वजन बढ़ने लगता है और ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन महिलाओं के लिए प्रति दिन 24 ग्राम चीनी और पुरुषों के लिए 36 ग्राम चीनी खाने की सिफारिश करता है.
प्रोटीन पाउडर का नया जोखिम था सामने
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में क्लीन लेबल प्रोजेक्ट नामक एक नॉन-प्रोफिट ग्रुप ने प्रोटीन पाउडर में विषैले पदार्थ के बारे में रिपोर्ट जारी की थी. रिसर्चर्स ने 134 प्रोटीन पाउडर प्रोडक्ट की जांच की थी और पाया गया कि उन प्रोडक्ट्स में 130 प्रकार के विषैले पदार्थ थे.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रोटीन पाउडर में भारी मात्रा में धातु (सीसा, आर्सेनिक, कैडमियम और पारा), बिस्फेनॉल-ए (बीपीए, प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है), कीटनाशक और अन्य खतरनाक केमिकल होते हैं. इन केमिकल्स से कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रोटीन पाउडर में कुछ विषैले पदार्थ काफी मात्रा में मौजूद थे. उदाहरण के लिए एक प्रोटीन पाउडर में बीपीए की सीमा बताई गई सीमा से 25 गुना अधिक थी. हालांकि, सभी प्रोटीन पाउडर में इन विषैले पदार्थ की अधिक मात्रा नहीं थी.
प्रोटीन पाउडर लें या नहीं
न्यूट्रिशनिस्ट कैथी मैकमैनस कहते हैं कि हमेशा केमिकल फ्री प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए. लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के बिना कोई भी सप्लीमेंट का यूज न करें. लेकिन फिर भी मैं सलाह दूंगा कि प्रोटीन सप्लीमेंट की अपेक्षा प्रोटीन वाले फूड अंडा, नट्स, मीट, दही, दाल, बीन्स, मछली, पनीर आदि का सेवन करें.
नोट: उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना को लेकर हम किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेते है। इन्हें अपनाने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। यह जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से तैयार की गई है।
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