– नायतामुंडला में प्राधिकरण बनवा रहा है आईएसबीसी, लेकिन मौके पर अभी तक काम शुरू नहीं करवा पाया
इंदौर। प्राधिकरण ने एमआर-10 पर कुमेर्डी में तो आईएसबीटी का निर्माण शुरू करवा दिया, लेकिन आरटीओ के पास नायतामुंडला में पिछले कई दिनों से वह बस स्टैंड का निर्माण ही शुरू नहीं करवा रहा है, जबकि 11 करोड़ रुपए में बनने वाले इस बस स्टैंड का ठेका भी निजी फर्म को दिया जा चुका है और उसकी प्लांट मशीनरी भी मौके पर आ गई, लेकिन यहां काबिज 130 झुग्गियों के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है। अब प्रशासन की मदद से इन झुग्गीवासियों को शिफ्ट करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में बने बहुमंजिला फ्लेटों में इन झुग्गीवासियों को शिफ्ट करना है।
कुमेर्डी स्थित आईएसबीटी यानी अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के काम ने तो गति पकड़ ली। हालांकि लॉकडाउन-कफ्र्यू के कारण तीन महीने तक उसका काम भी ठप रहा। प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक 60 करोड़ रुपए की लागत से यह टर्मिनल निर्धारित समय सीमा में पूरा हो जाएगा। एमआर-10 कुमेर्डी में 6 लाख स्क्वेयर फीट पर यह आईएसबीटी बन रहा है, जो कि प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन से भी जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट को देख रहे प्राधिकरण अभियंता ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन के मुताबिक मौके पर यहां काम की गति बढ़ गई है और अभी मानसून सीजन में लगभग 60 हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्रफल पर हरियाली भी विकसित की जा रही है। श्री जादौन के बाद ही दूसरे आईएसबीटी, जो कि मुंडलानायता में बनना है उसका भी जिम्मा है। लगभग 11 करोड़ रुपए से बनने वाले इस आधुनिक बस स्टैंड में 14 दुकानें भूतल पर और प्रथम तल पर 14 ऑफिस और 240 सीटों का वेटिंग हॉल व रेस्टोरेंट भी रहेगा। लगभग साढ़े 5 एकड़ पर यह बस टर्मिनल बनना है, जहां रोजाना 600 बसों की आवाजाही बताई गई है। 18 बसें यहां एक समय में पार्क की जा सकेगी और आने वाले यात्रियों के लिए 120 कारों की पार्किंग व्यवस्था भी की जाएगी। इस बस टर्मिनल की सारी तैयारी प्राधिकरण कर चुका है। संबंधित फर्म को ठेका भी दिया जा चुका है और 9 माह की समय सीमा में इसे पूरा करना था। हालांकि फरवरी में ही इसका निर्माण होना था, लेकिन उसके बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया और फिर अभी जब काम शुरू होने की स्थिति आई तो यहां काबिज 130 झुग्गीवासियों की शिफ्टिंग ना होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। यहां पर चूंकि पूरी सरकारी जमीन ही है, लिहाजा निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं करना पड़ा, लेकिन कुछ साल पहले पट्टे देकर गरीब परिवारों को यहां बसाया गया था। मौके पर 130 परिवार हैं। हालांकि विस्थापन के लिए उनका सर्वे भी करवाया जा चुका है और पास में ही नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए जो बहुमंजिला बिल्डिंग बनाई गई है उसके फ्लेटों में इन परिवारों को शिफ्ट किया जाना है। 8-10 परिवारों को शिफ्ट किया भी गया था, लेकिन बाद में यह प्रक्रिया ठप पड़ गई। इस मामले में कुछ राजनीतिक दबाव-प्रभाव भी रहा। मगर अब चूंकि कोरोना के साथ ही सभी तरह के निर्माण कार्य भी शुरू किए गए हैं, लिहाजा प्राधिकरण चाहता है कि उक्त आईएसबीटी का काम भी अब शुरू हो जाए, ताकि सालभर में इसका निर्माण पूरा किया जा सके। ज्यादातर परिवार शिफ्ट होने को भी तैयार हैं। बस प्रशासन को इसकी शुरुआत करना होगी। जो बहुमंजिला बिल्डिंग बनी है उसमें बिजली सहित कुछ कार्य लम्बित बताए जाते हैं। कुछ परिवारों ने ली जाने वाली निर्धारित राशि भी जमा करवा दी है। प्राधिकरण का कहना है कि ये 130 झुग्गी वाले शिफ्ट हो जाएं तो फिर मौके पर जमीन को समतल कर बस स्टैंड का निर्माण शुरू किया जा सकता है। अब बारिश भी लगभग एक तिहाई से ज्यादा हो चुकी है। लिहाजा अब उसके कारण भी परेशानी नहीं आएगी और काम लगातार चलता रहेगा।
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