इन्दौर। प्रशासन ने अभी ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों के लिए ही सिलेंडर अस्पतालों को सप्लाय करने के आदेश दिए थे और औद्योगिक गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाया था, लेकिन कई दवा कम्पनियां ऐसी हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। खासकर जीवन रक्षक दवाइयां बनाने वाली कम्पनियों को। लिहाजा कलेक्टर ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए 13 दवा कम्पनियों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं। इनमें से कई दवाइयां-इंजेक्शन अभी कोरोना से उपचाररत मरीजों के भी काम आते हैं।
कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के चलते जहां बैड और आईसीयू आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, वहीं ऑक्सीजन सिलेंडरों का भी टोटा पड़ गया। कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जिसके चलते प्रशासन ने मरीजों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए थे और जब तक कि ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हों, तब तक उद्योगों में रोक लगाई गई। हालांकि इसके चलते कई उद्योगों में प्रोडक्शन ठप हो गया। अब चूंकि मरीजों को ऑक्सीजन प्राथमिकता से मिलना चाहिए, लिहाजा उन दवा कम्पनियों को ही अभी अनुमति दी गई, जहां पर जीवन रक्षक दवाइयां बनती हैं और उसमें ऑक्सीजन सिलेंडरों का इस्तेमाल किया जाता है। कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी करते हुए 13 दवा कम्पनियों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति जारी रखने के निर्देश दिए हैं। इनमें अल्पा लेबोरेटरी राऊ, मॉर्डन लेबोरेटरी सांवेर रोड, पचोन फार्मास्वीटीकल्स जम्बुर्डी हब्सी, सेलवेल फार्मा स्वीटीकल्स सांवेर रोड, डीजे लेबोरेटरी पीथमपुर इंडस्ट्रीयल एरिया, सिम्कोम फार्मूलेशन पीथमपुर, बायोमेडिका लेबोरेटरी सांवे रोड, नंदिनी मेडिकल लेबोरेटरी बिचौली हब्सी, विंदास कैमिकल इंडस्ट्रीज पीथमपुर, अल कैमिस्ट रेमेडिज इंडस्ट्रीयल एरिया देवास, सिम्बायोटैक फार्मा लैब प्रा.लि. पिगडम्बर राऊ और इसी की एक और संयंत्र के अलावा इप्का लेबोरेटरी सेज इंदौर को यह अनुमति दी गई है। इन सभी कम्पनियों को निर्धारित मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर मिलते रहेंगे।
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