उज्जैन। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 16 किलोमीटर अंडरग्राउंड बिजली लाइन डाली जाएगी। इसको लेकर सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका हैं। संभावना है कि अगले महीने तक काम भी शुरू हो जाएगा।
बिजली कम्पनी के कार्यपालन यंत्री सतीश कुमरावत ने बताया कि उज्जैन शहर में बिजली को घरों तक सुरक्षित पहुँचाने के लिए 16 किमी तक बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे रोजाना हजारों यूनिट बिजली बचेगी, वहीं कंपनी को खुले तारों से होने वाले ट्रांसमिशन लॉस से भी छुटकारा मिलेगा, इतना ही नहीं इससे बिजली चोरी भी रुकेगी। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका हैं। अंडरग्राउंड लाइन डालने के लिए चिन्हित किए गए क्षेत्रों में 13 किलोमीटर का हिस्सा पुराने शहर में स्थित है और 3 किलोमीटर का हिस्सा नए शहर में हैं। प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में कंपनी द्वारा जिन जोन कार्यालयों के अंतर्गत बिजली लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी, उसमें वल्लभनगर, नई सड़क, कार्तिक मेला और मक्सी रोड जोन प्रमुख रूप से शामिल हैं।
पहले उन क्षेत्रों में काम, जहाँ होती हैं चोरी
कुमरावत के मुताबिक बेगमबाग, इंदिरा नगर, वाल्मिक नगर, मक्सी रोड जैसे इलाकों में यह काम सबसे पहले कराया जाएगा। कारण यह कि यहाँ पर अभी भी जितनी सप्लाई की जा रही है उस अनुपात में बिल जमा नहीं हो रहे हैं। 100 रुपए योजना, आटोमैटिक रीडिंग के बाद भी चोरी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में बिजली लाइन अंडरग्राउंड होने से बिजली चोरी रुकेगी।
अभी रखरखाव पर करोड़ों खर्च
उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनी को बिजली के पोल और तार का रखरखाव साल में दो बार करना होता है। बारिश और दीपावली के पहले यह काम किया जाता है। कंपनी को आउटसोर्स पर लाइनमैन रखना होता है। आवश्यक उपकरण, कलपुर्जे भी बदलना होते हैं। इस काम में करोड़ों रुपए खर्च होतेे हैं। जमीन में केबल चली जाएगी। पानी, हवा, पेड़ों की डगाल से कोई खतरा नहीं होगा। यानि कम्पनी को करोड़ों की बचत भी होगी।
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