जिनेवा। भारत सहित पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण (air pollution) से होने वाली मौतें सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही हैं। दुनिया में जितने लोगों की मौत वायु प्रदूषण से होती है उनमें चीन पहले और भारत दूसरे नंबर पर है। वायु प्रदूषण (air pollution) से होने वाली मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डराने वाली रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण से दुनिया भर में हर मिनट 13 लोगों की मौत हो रही है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) की अगुवाई में शुरू की गई बैठक में WHO ने अपनी विशेष रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगर आने वाले समय में लोग नहीं चेते तो गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
अपनी विशेष रिपोर्ट करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधोनाम घेब्रेयसस ने कहा कि कोरोना महामारी ने मनुष्यों, जानवरों और हमारे पर्यावरण के बीच घनिष्ठ और नाजुक संबंधों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ सभी देशों से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए COP26 पर निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करता है, न केवल इसलिए कि यह करना सही है, बल्कि इसलिए कि यह हमारे अपने हित में है।
रिपोर्ट को एक खुले पत्र के रूप में लॉन्च किया गया है, जिस पर वैश्विक स्वास्थ्य कार्यबल के दो-तिहाई से अधिक अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। यह रिपोर्ट दुनिया भर में कम से कम साढ़े चार करोड़ डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले 300 संगठन, राष्ट्रीय नेताओं और COP26 देश के प्रतिनिधिमंडलों को वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए कदम बढ़ाने के लिए कहा गया है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन के जलने से लोगों की जान जा रही है। जलवायु परिवर्तन मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों से कोई भी सुरक्षित नहीं है, चाहे वह कमजोर वर्ग हो या अमीर वर्ग हो। हमें इसपर कदम उठाना ही होगा नहीं तो आने वाली पीढ़ी के लिए यह और खतरनाक होगी।
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