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    मीटर किराया माफी से 125 करोड़ सालाना का नुकसान, मीटर जला तो लगेगा शुल्क

  • December 20, 2020

    • बिजली कंपनी ने मीटर किराया से मुक्त कर दिया है लेकिन मीटर जलने पर उपभोक्ता को इसका भुगतान करना होगा

    भोपाल। बिजली कंपनी ने जहां एक तरफ बिजली के दाम बढ़ाकर 730 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने की तैयारी की है वहीं मीटर किराया में माफी दी गई है। जिससें उपभोक्ता को 10 से 25 रुपये तक मासिक बिल में सीधे कटौती मिलेगी। कंपनी ने इस नुकसान की भरपाई के लिए फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी की है। कंपनी का आंकलन है कि इस माफी से करीब 125 करोड़ रुपये सालाना का वित्तीय आय प्रभावित हुई है। यदि उपभोक्ता का मीटर जलेगा तो उसे मीटर शुल्क भरना होगा। मप्र विद्युत नियामक आयोग से इस संबंध में मंजूरी मिली है। बताया जाता है कि मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी स्तर पर ही मीटर किराया माफ करने के लिए प्रस्ताव दिया गया था। कंपनी को किराया लेने पर जीएसटी देना पड़ता। ये तकनीकी समस्या पावर मैनेजमेंट कंपनी के सामने आ रही थी। इस वजह से लेखा-जोखा रखने लिए अलग से आफिस और संसाधन जुटाना पड़ रहे थे। नियम के अनुसार किराया लेने पर जीएसटी देय होता है। इसका हर माह नियमित रिटर्न भी दाखिल करना होता। ये पेचीदा काम था। इस वजह से कंपनी ने किराया ही माफ कर इसकी भरपाई फिक्स जार्च के माध्यम से करने का फैसला किया।

    हर साल लगती थी आपत्तियां
    दरअसल हर साल बिजली टैरिफ के प्रस्ताव के उपभोक्ताओं की ओर से आपत्तियां लगती थी। जिसमें बंद मीटर वाले उपभोक्ताओं से भी हर माह मीटर किराए की वसूली होने का जिक्र किया जाता था। बिजली कंपनी भी किराए के नाम पर मीटर की असल कीमत से कई गुना ज्यादा राशि उपभोक्ताओं से वसूल कर लेती थी। अब इस झंझट को खत्म करते हुए बिजली कंपनी मीटर किराए को पूरी तरह से माफ कर रही है।

    दो फीसदी बढ़ाए दाम
    मप्र विद्युत नियामक आयोग से प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 40016 करोड़ का राजस्व की जरूरत बताई थी। इसलिए कंपनी ने मौजूदा दरों में 5.73 फीसद बढ़ोतरी मांगी थी। इससे कंपनी को करीब 2169 करोड़ पिछले साल से ज्यादा मिलते। आयोग ने 37673 करोड़ राजस्व आवश्यक्ता माना। इस हिसाब से कंपनी की मांग पर 730 करोड़ रुपये के घाटे को मंजूर किया है। यानी दाम में औसत बढ़ोतरी 1.98 फीसद की गई।

    मीटर जला तो लगेगा शुल्क
    बिजली कंपनी मीटर खराब होने पर कोई शुल्क नहीं लेगी। मुफ्त में ही उसे बदला जाएगा। लेकिन मीटर किसी वजह से डैमेज होता है या जलता है या चोरी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता को मीटर का दाम बिजली कंपनी को देना होगा। शुल्क देने के बाद ही बिजली कंपनी नया मीटर लगाएगी।

    होगा वित्तीय नुकसान
    मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक रेवेन्यु मैनेजमेंट फिरोज मेश्राम ने कहा कि करीब डेढ़ करोड़ बिजली उपभोक्ता प्रदेश में है। इसमें 30 लाख पंप कनेक्शन करीब है। शेष 1.25 करोड़ उपभोक्ता मीटर किराया भरते थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब सवा सौ करोड़ रुपये सालाना आमदनी प्रभावित हुई है।

    ये है किराया

    • सिंगल फेज मीटर. 10 रुपए प्रतिमाह
    • थ्री फेज मीटर . 25 रुपए प्रतिमाह
    • थ्री फेज एलटी मीटर सीटी. 75 रुपए प्रतिमाह
    • विशेष तरह के मीटर . 125 रुपए प्रतिमाह

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