इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर (Lahore) में स्थित 1200 साल पुराने हिंदू मंदिर (1200 Years Old Hindu Temple ) पर से अवैध कब्जा हटाने के बाद अब इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। बतादें कि इस मंदिर से अवैध कब्जा हटाने के लिए यहां हिन्दुओं को अब तक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है । यह मामला काफी समय तक न्यायालय में चला, जिसके बाद कोर्ट ने मंदिर को रिनोवेट करने का ( Court Order) आदेश दिया।
दरअसल, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पूजास्थलों की निगरानी करने वाली संघीय संस्था इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने लाहौर के मशहूर अनारकली बाजार के पास स्थित वाल्मिकी मंदिर का कब्जा पिछले महीने ईसाई परिवार से लिया था। ईसाई परिवार दावा कर रहा था कि वह हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गया है और मंदिर में सिर्फ वाल्मीकि समुदाय के लोगों को पूजा करने के लिए मंदिर में एंट्री करने देता था। इस परिवार ने यहां दो दशकों से कब्जा किया हुआ था।
बता दें, भारत में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचा के विध्वंस के बाद 1992 में हथियारों से लैस गुस्साई भीड़ ने यहां इस वाल्मीकि मंदिर में धावा बोल दिया था और कृष्ण और वाल्मीकि की मूर्तियों को तोड़ दिया था। रसोई में बर्तन और क्रॉकरी तोड़ने के अलावा सोने को जब्त कर लिया था, जिससे मूर्तियों को सजाया गया था। इसके साथ ही मंदिर को ध्वस्त करते हुए बिल्डिंग में आग भी लगा दी गई थी। इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि आने वाले दिनों में मास्टर प्लान के तहत वाल्मीकि मंदिर की मरम्मत की जाएगी। बताते चलें, यह वाल्मीकि मंदिर लाहौर में कृष्ण मंदिर के अलावा दूसरा मंदिर है जो भक्तों के दर्शन के लिए उपलब्ध है।
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