पटना: बिहार से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का खास लगाव रहा है. उनकी यादों को संजोकर रखने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए बिहार सरकार की तरफ से देश का सबसे बड़ा महात्मा गांधी म्यूजियम बनाया गया है. इसका नाम बापू टावर है जो राजधानी पटना के गर्दनीबाग में स्थित है.
पटना स्थित बापू टावर 120 फीट ऊंची गोलाकार भवन है. जिसकी बाहरी दीवार में तांबे की परत चढ़ाई गई है. जो अलग ही चमक बिखेर रही है. इतना ही नहीं गोलाकार भवन में तांबे के बीच रंग-बिरंगी लाइट लगाई गई है. यह लाइट खूबसूरती में चार चांद लगा रही है.
पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर में दो भवन है. एक गोलाकार और दूसरा आयताकार भवन है. गोलाकार भवन में कुल 6 तल्ले हैं. जहां बापू से जुड़ी यादों को दर्शाया गया है. आयताकार भवन में अनुसंधान केंद्र, विशिष्ट अतिथियों के लिए लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय है.
महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने के लिए बिहार सरकार के किए गए कार्यों की उत्कृष्ट प्रदर्शनी होगी. साथ ही शॉपिंग सेंटर भी होगा, जहां से बापू से जुड़ी कलाकृतियां खरीद भी की जा सकती है.
टावर के अंदर जाते ही भूतल पर टर्न टेबल थिएटर शो के जरिए पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी. इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देखेंगे. बारी-बारी से सभी तल्लों में घूमने को मिलेगा.
गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42 हजार किलो तांबे की परत लगाई गई है. दीवार पर लगा तांबा ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल जाता है. इससे भवन की खूबसूरती और बढ़ जाती है.
बापू टावर का काम अपने अंतिम चरण में है. सीएम नीतीश कुमार भी इस निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. 2 अक्टूबर 2018 को इसकी आधारशिला रखी गई थी. अभी उद्घाटन की तिथि घोषित नहीं हुई है. लेकिन, उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में इसको आम लोगों के लिए खोल दिया जायेगा.
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