भोपाल: मध्य प्रदेश में कैबिनेट (Cabinet in Madhya Pradesh) के फेरबदल को लेकर एक बार फिर से कवायद तेज हो गई है. माना जा रहा है एंटी इनकंबेंसी (anti incumbency) को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में अंतिम फेरबदल कर सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए 1 दिन पहले शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को अचानक दिल्ली तलब किया गया था, जहां उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (J. P Nadda) और संगठन मंत्री बीएल संतोष (B. L Santosh) के साथ करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा मुलाकात की थी.
सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश सरकार में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल हो सकता है. जिसमें कई नए चेहरों को सरकार में शामिल किया जा सकता है, जबकि सरकार में शामिल कई नामचीन चेहरों को संगठन अथवा चुनावी कार्यक्रमों से जोड़ा जा सकता है. फिलहाल अंतिम फैसला भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लेना है.
आपको बता दें कि इसी साल अक्टूबर महीने में मध्य प्रदेश समेत राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) होने हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए मध्य प्रदेश राजनीतिक लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के 122 विधायक हैं, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा 30 मंत्री हैं.
फिलहाल मंत्रिपरिषद में 4 पद खाली हैं. यानी मंत्रिमंडल की संख्या अधिकतम 35 की जा सकती है. मौजूदा मंत्रिमंडल को देखें तो सरकार में सामाजिक समीकरण बैठाने की कोशिश की गई है. लेकिन लंबे समय से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के चलते एंटी इनकंबेंसी की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी मार्च में बड़े कैबिनेट फेरबदल की तैयारी में है.
माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रिमंडल से करीब 6 से 8 चेहरों को संगठन में भेजा जा सकता है. जबकि 10 से 12 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. फिलहाल सामाजिक समीकरण के हिसाब से 10 राजपूत, 8 ओबीसी, 4 एसटी, 3 एससी और दो ब्राह्मण चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. इस समीकरण को और व्यवस्थित करने की तैयारी चल रही. फिलहाल अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. इसके लिए एक दौर की बैठक अभी और हो सकती है जिसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार तय होगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved