इंदौर। साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब पुलिस ठगी का शिकार हुए लोगों की मोटी कमाई वापस करवाने में सफल हो रही है। इस साल के 11 माह में पुलिस ने 12 करोड़ रुपए वापस करवाए हैं, जबकि नवंबर माह में सबसे अधिक तीन करोड़ वापस करवाने में पुलिस सफल रही है।
देश के साथ शहर में भी लोग लगातार साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने लोगों को ठगी से बचाने के लिए जहां एक हेल्प लाइन नंबर जारी कर रखा है, वहीं लगातार पुलिस के दो अफसर स्पेशल डीजीपी वरुण कपूर और एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया स्कूल-कॉलेज और संस्थाओं में एक हजार से अधिक साइबर पाठशाला लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग ठगों के जाल में फंसकर करोड़ों रुपए गंवा रहे हैं। इस साल इंदौरियों के लगभग 50 करोड़ रुपए साइबर ठगों ने लूट लिए। इनमें से पुलिस इस बार 11 माह में 12 करोड़ रुपए वापस करवाने में सफल रही है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। नवंबर में तो पुलिस ने तीन करोड़ रुपए वापस करवाए हैं। यह भी एक माह में वापस करवाए गए पैसों का रिकॉर्ड है।
दर्जन से अधिक तरीके
यूं तो इंदौरियों को सबसे अधिक चूना डिजिटल अरेस्ट कर लगा है। बताते हैं कि 10 करोड़ से अधिक की राशि डिजिटल अरेस्ट में गई है। इसके अलावा इंस्टाग्राम पर दोस्ती और फिर शेयर व क्रिप्टो में निवेश के नाम पर सबसे अधिक चूना लगाया गया है। इसके अलावा गैस कनेक्शन काटने, बिजली काटने, ओएलएक्स पर, एडवाइजरी, लिंक भेजकर लुभावने ऑफर, लॉटरी खुलने के नाम पर, पहचान कौन बनकर, एटीएम कार्ड ब्लॉक के नाम पर लोगों को बातों में उलझाकर उनसे ओटीपी प्राप्त कर ठगों ने उनका खाता साफ कर दिया। पुलिस कई बार एडवाइजरी भी जारी करती है।
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