नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के तीन कर्मचारियों सहित 12 लोगों (12 people including 3 employees) को बैंक के एक एनआरआई (NRI) ग्राहक के खाते (Account) से अनधिकृत निकासी करने का प्रयास करने (Trying to withdraw money)के आरोप में गिरफ्तार (Arrest) किया है।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से हैकिंग का इस्तेमाल किया और एनआरआई ग्राहक की धोखाधड़ी से प्राप्त चेक बुक का उपयोग करके पैसे निकालने का प्रयास किया। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) के. पी. एस. मल्होत्रा ने कहा, “आरोपी ने केवाईसी में पंजीकृत खाताधारक के यूएसए के मोबाइल नंबर के समान एक भारतीय मोबाइल फोन नंबर हासिल किया।” एचडीएफसी बैंक ने स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि एक एनआरआई बैंक खाते में कई अनधिकृत इंटरनेट बैंकिंग प्रयास देखे गए हैं। बैंक ने आगे आरोप लगाया कि इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से खाते तक पहुंचने के लिए कुल 66 बार प्रयास किए गए।
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने एक टीम गठित की, जिसे तकनीकी फुटप्रिंट्स और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर दोषियों की पहचान करने का काम सौंपा गया था।
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 20 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें एचडीएफसी बैंक के तीन कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक महिला समेत एचडीएफसी बैंक के तीन आरोपित कर्मचारी चेक बुक जारी करने, मोबाइल फोन नंबर अपडेट करने और खाते से हेट फ्रीज हटाने में शामिल थे।
आरोपियों की पहचान गाजियाबाद निवासी आर. जायसवाल, गाजियाबाद निवासी जी. शर्मा, ग्रेटर नोएडा निवासी ए. कुमार, हापुड़ निवासी ए. तोमर, गाजियाबाद निवासी एच. यादव, बुलंदशहर निवासी एस. एल. सिंह, गुरुग्राम निवासी एस. तंवर, झांसी निवासी एन. के. जाटव और यूपी के बागपत निवासी एस. सिंह के रूप में हुई है।
आरोपी एचडीएफसी कर्मचारियों में रायबरेली के डी. चौरसिया, गोंडा के ए. सिंह और एक महिला कर्मचारी शामिल हैं। पूछताछ में पता चला कि मुख्य मास्टरमाइंड को सूचना मिली थी कि उक्त एनआरआई खाता निष्क्रिय है और उसमें काफी रकम है। एचडीएफसी की एक महिला कर्मचारी की मदद से उन्होंने उक्त खाते की चेक बुक जारी की। पता चला है कि डी. चौरसिया और ए. सिंह (दोनों एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी) ने केवाईसी से जुड़े फोन नंबर को अपडेट करने का प्रयास किया था। अन्य सहयोगियों ने पैसे के हस्तांतरण के उद्देश्य से खाते की इंटरनेट बैंकिंग में लॉगिन करने का प्रयास भी किया था।
डीसीपी मल्होत्रा ने कहा कि पूरी साजिश का पता लगाने के लिए अभी जांच जारी है।
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