कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ वैक्सीन को प्रभावी हथियार के तौर पर देखा जा रहा है। दुनिया के अलग अलग मुल्कों में अलग अलग वैक्सीन के जरिए कोरोना संक्रमण से आजादी पाने की कोशिश हो रही है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह था कि बच्चों को किस तरह से संक्रमण से सुरक्षित किया जाए। उस दिशा में यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (European Medicine Agency) ने शुक्रवार को फाइजर बायोनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है जो 12 से 15 आयु समूह में दी जा सकती है। यूरोपियन यूनियन में यह पहली वैक्सीन होगी जिसके इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
This is very welcome news and another boost to our hugely successful vaccination programme.
As we encourage everyone to get their jabs, the single-dose Janssen vaccine will play an important role in helping us protect people from the virus.
When you get the call, get the jab. https://t.co/t8nEOR7w4B
— Boris Johnson (@BorisJohnson) May 28, 2021
’70 फीसद वैक्सीनेशन जरूरी’
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organization) का कहना है कि जब तक पूरी दुनिया की 60 फीसद आबादी का टीकाकरण नहीं हो जाता है। कोरोना का खतरा बरकरार रहेगा। दुनिया के मुल्कों को वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति देने के साथ साथ टीकों पर और शोध करने की जरूरत है। यह शुभ संकेत है कि महामारी फैलने के साल भर के अंदर अलग अलग टीके उपलब्ध हो चुके हैं। लेकिन टीके लंबे समय तक कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भागीदार बन सकें इसके लिए और गहराई से शोध करने की आवश्यकता है।
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