- एक वर्ष के दौरान घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी-पुलिस ने दी समझाईश
उज्जैन। जिले के एकमात्र महिला थाने में एक वर्ष के दौरान महिलाओं को दहेज यातना और मानसिक प्रताडऩा के 115 से अधिक मामले पहुंचे थे। इनमें सभी प्रकरणों में अपराध पंजीबद्ध किया गया, जिनमें घरेलू हिंसा के 50 केस भी शामिल हैं। थाने में महिला संबंधित अपराधों के 10 मामले ऐसे भी हैं, जिनमें लंबे समय बाद भी कोई निराकरण नहीं हो पाया है और वह लंबित पड़े हैं। 3-4 ऐसे मामले भी रहे हैं, जिनमें शादी के 2-3 माह बाद ही तलाक की नौबत आ गई थी।
महिला थाने में दर्ज 3 साल के अपराधों को देखा जाए तो यहां गत वर्ष घरेलू हिंसा की घटनाओं में दो वर्ष की तुलना में काफी कमी आई है। एएसपी रविन्द्र वर्मा के मुताबिक महिला थाने में प्रतिदिन 3 से 4 मामले आते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों का पुलिस आपसी सुलह तथा काउंसलिंग के जरिए निराकरण करती है और दोनों पक्ष सहमत हो जाते हैं। वहीं ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्होंने शादी के 2-3 माह बाद ही पति से तलाक ले लिया। वर्ष 2019 में महिला थाने में 200 से अधिक महिलाओं ने पति के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत किए थे। वहीं वर्ष 2020 में लॉकडाऊन लगने के कारण मामले कम दर्ज हुए। बीते वर्ष 2021 में 115 मामले महिला थाने में आए। ज्यादातर ऐसे मामले थे, जिनमें छोटी-छोटी बातों को लेकर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हो गई और केस थाने पर पहुंच गया। इनमें से 105 मामलों में पति-पत्नी के रिश्ते को टूटने से बचाया है और राजीनामा कर गृहस्थी बसाई गई। ऐसे 10 मामले भी थे, जिनमें पुलिस को अपराध दर्ज करना पड़ा और इन मामलों को कोर्ट में भेजा गया।