सर्वाधिक 40 खजराना गांव में, तो छोटा बांगड़दा में भी 26, पुष्प विहार, अयोध्यापुरी, चिकित्सक नगर सहित कई चर्चित कॉलोनियां भी इस सूची में शामिल
इंदौर। एक तरफ शहरी (Urban) और ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area) की अवैध कॉलोनियों (Colonies) को वैध (Legal) करने को की प्रक्रिया चल रही है, तो दूसरी तरफ लगभग 114 ऐसी अवैध कॉलोनियां हैं जो प्राधिकरण (Authority) की विभिन्न योजनाओं में काबिज है, जिसके चलते प्राधिकरण ने एनओसी जारी नहीं की। नतीजतन नियमितीकरण की प्रक्रिया से इन कॉलोनियों को बाहर रखा गया है, जिनमें सर्वाधिक 40 कॉलोनियां तो खजराना गांव (Khajrana Village) की ही है, वहीं छोटा बांगड़दा, बिजलपुर, सुखलिया, चितावद सहित अन्य क्षेत्रों की कॉलोनियां भी प्राधिकरण योजना के कारण चपेट में आ गई। इतना ही नहीं, पुष्प विहार, चिकित्सक नगर, अयोध्यापुरी, शीतल नगर सहित अन्य कई चर्चित कॉलोनियां भी इस सूची में शामिल है।
नगर निगम द्वारा उसके 85 वार्डों में शामिल 176 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है, जिनके ले-आउट भी तैयार हो गए हैं। वहीं कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने 86 ग्रामीण क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों को नियमितीकरण की प्रक्रिया में शामिल करवाया है। दूसरी तरफ ऐसी 114 अवैध कॉलोनियां फिलहाल नियमितीकरण की प्रक्रिया से बाहर हो गई, जो प्राधिकरण की विभन्न योजनाओं में शामिल है। इनमें खजराना की सर्वाधिक कॉलोनियां हैं, जिनमें सुमित्रा नगर, पार्वती पैलेस, बाबा नगर, फरीद नगर, शिवबाग, सुंदरबाग, सोनिया पैलेस, गणराज नगर ए और सी, विनायक नगर, चेतन नगर, सूरज नगर एक्स., मित्रबंधु नगर, काशी नगर, देवपुरी, संजीवनी नगर, विप्र नगर, गणेशबाग, सूरज नगर टेकरी, प्रीति नगर, यशोदा नगर, संजोगपुरी, बहुचर्चित पुष्प विहार, मायापुरी सी और बी, चित्रहार, आशापुरी, चित्रा नगर, न्यू शीतल नगर, बर्फानी नगर, सरस्वती नगर, कृष्णबाग, न्यू मालवीय नगर, गणनायक नगर, गुरु नगर और अयोध्यापुरी की कालोनी भी ग्राम छोटी खजरानी में शामिल है। वहीं गणेश नगर भी योजना 53 की जमीन में समाविष्ट है। इसी तरह छोटा बांगड़दा की रूप नगर, सृष्टि पैलेस, श्रीनाथ विहार, श्रीनाथ स्ट्रीट, गरीब नवाज, वंदना नगर, शांति नगर, श्रेयश नगर, स्मृति नगर, ऋषि नगर ए और बी, पुष्प नगर, रोशनबाग, कमला केसर नगर, न्यू सुंदर, कैलाशबाग, न्यू कावेरी, कुसुम वाटिका, वैष्णव विहार, आशा पैलेस, सुविधी नगर, साकेत धाम, लेक पैलेस इत्यादि कॉलोनियां है। वहीं बिजलपुर में कृष्णा नगर, ममता नगर, तिवारी नगर, शिवशक्ति नगर के अलावा सिरपुर की हरिहर नगर, मनपसंद नगर, अम्बार नगर, चितावद की आनंद नगर एक्स., शुक्ला बगीची, आनंद की बगीचा, गुलमोहर का बगीचा, मूसाखेड़ी की गुलाबबाग, अभिलाषा, आजाद नगर कब्रिस्तान के पास, सुखलिया की सुंदर नगर, राजाबाग, खातीपुरा, कल्पना नगर, जनक नगर, गायत्री नगर, पिपल्या कुमार स्थित चिकित्सक नगर, अन्नाभाऊ साखे और सांई बस्ती जैसी कॉलोनियां शामिल हैं।
निगम झोनल कार्यालयों की तरह हर योजना में बनेगा दफ्तर
जिस तरह नगर निगम ने अपने 19 झोनों में कार्यालय बना रखे हैं, उसी तर्ज पर इंदौर विकास प्राधिकरण भी अपनी बड़ी और विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं में दफ्तर बनाएगा, ताकि इंजीनियर से लेकर अन्य अमला वहां नियमित बैठ सके। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा का कहना है कि इन योजनाओं से संबंधित समस्याओं, विकास सहित अन्य कामकाज इन दफ्तरों के माध्यम से आसानी से हो सकेंगे और हर व्यक्ति को प्राधिकरण मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। सुपर कॉरिडोर की योजनाओं के साथ आईएसबीटी, इंटरनेशनल स्वीमिंग पुल, योजना 140 आनंद वन सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में इस तरह के दफ्तर विकसित किए जा रहे हैं, जहां मौका पडऩे पर बोर्ड मीटिंग भी आयोजित की जा सकती है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहीरवार के मुताबिक कुछ दफ्तरों का काम भी शुरू करवा दिया है। इससे संबंधित योजनाओं में रहे विकास कार्यों की मॉनिटरिंग में भी आसानी रहेगी।
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