श्योपुर: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए नामीबिया के 8 चीतों को जल्द ही उनके नए नाम मिलने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चीतों के नामकरण के लिए चलाई गई ऑनलाइन प्रतियोगिता प्रतियोगिता में देशभर के लोगों ने 11 हजार से ज्यादा नाम सुझाए हैं. वहीं, चीता प्रोजेक्ट के लिए भी लोगों ने 18 हजार से अधिक नाम ऑनलाइन सुझाए हैं. बताया गया है कि अब इन्हीं नामों से चीतों और चीता प्रोजेक्ट का नामकरण होगा.
देश की धरा पर 70 साल बाद लौटे 8 चीतों को 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से आह्वान किया था कि इन चीतों के नाम सुझाएं और पारंपरिक नाम बताएं. साथ ही सबसे पहले चीता देखने का मौका पाएं. यही वजह है कि केंद्र सरकार के MyGov पोर्टल पर 26 सितंबर से ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई, जो 31 अक्टूबर तक चली.
पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में देशभर के लोगों ने चीतों के नाम सुझाए और कुल 11 हजार 565 नाम दर्ज कराए गए हैं. वहीं, चीता प्रोजेक्ट के लिए मांगे गए नामों के लिए भी 18 हजार 221 नाम सुझाए गए हैं.
MyGov पोर्टल पर लोगों ने कई तरह के पारंपरिक नाम चीतों के सुझाए हैं. जिसमें एक शख्स ने नर चीतों के नाम शिव, गणेश, विष्णु, ब्रह्मा और मादा चीतों के नाम पार्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, गौरी, देवी रखने का सुझाव दिया है. वहीं, कुछ लोगों ने नर चीतों के लिए कल्याण, अमृत, नाम्बी, सिन्धु, रविन्द्र, शिवा, आरम्भ और मादा चीतों के लिए कावेरी, मनु, विंध्या, कोकिला, कश्मीरा, जयन्ती, वैशाखी और काली बताया है.
चीता प्रोजेक्ट के ये सुझाए नाम
ऑनलाइन प्रतियोगिता में चीता प्रोजेक्ट के लिए जो नाम सुझाए गए हैं, उनमें प्रोजेक्ट अविनाश, मिशन रिटर्निंग चीता इन इंडिया, राष्ट्रीय चीता पुनर्स्थापना प्रोजेक्ट जैसे 18 हजार से अधिक नाम शामिल हैं.
कूनो नेशनल पार्क श्योपुर के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि ऑनलाइन प्रतियोगिता में 11 हजार से ज्यादा लोगों ने चीतों के नाम सुझाए हैं. प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद हमने भी होर्डिंग-बैनर लगाकर पोर्टल पर चीतों के नाम सुझाने के लिए प्रचार-प्रसार किया था. अब केंद्र सरकार की तरफ से ही चीतों के नामकरण का खुलासा किया जाएगा. हमें भी तभी जानकारी मिलेगी.
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