नई दिल्ली। पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) द्वारा किए गए ड्रोन हमले में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। एएफपी के अनुसार, अफगानिस्तान की सीमा (Afghanistan border) से लगे उत्तरी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए ड्रोन हमलों में ग्यारह लोग मारे गए। एक अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार रात को पाकिस्तानी तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाकर तीन ड्रोन हमले किए गए। हमें आज सुबह ही पता चला कि पीड़ितों में दो महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं।
इससे पहले दावा किया गया था कि खुफिया रिपोर्ट लीक हो गई थी और टीटीपी (तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान) ने पाकिस्तानी सेना के जवानों को घेर लिया। टीटीपी आतंकवादियों ने कथित तौर पर सात सैनिकों को मार डाला। हमले में छह जवान घायल हो गए। गोलीबारी के दौरान आठ आतंकवादियों की भी जान चली गई।
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ऑपरेशन शुरू हुआ और देर शाम तक जारी रहा। अधिकारी ने दावा किया कि पाक सेना ने कई आतंकवादियों को भी पकड़ा है। बता दें कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में मुश्किलों का सामना कर रही है, जहां विद्रोहियों ने खुलकर सेना को चुनौती दी है। हाल ही में BLL के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस नाम की ट्रेन को हाईजैक कर लिया था, जिसे छुड़ाने में पाकिस्तानी सेना की हालत खराब हो गई थी।
पाकिस्तान के पूर्व सीनेट सदस्य मुश्ताक अहमद खान ने कहा कि शिमोजो, कतलिंग और मर्दान में ड्रोन हमले सरकारी आतंकवाद का सबसे भयानक कृत्य है। महिलाओं और बच्चों सहित नौ निर्दोष लोग शहीद हो गए हैं, जबकि कुछ बच्चे लापता हैं। हमने काजटालिंग के पत्रकारों से सीधे बात की जो स्थिति के बारे में जानने के लिए घटनास्थल पर मौजूद हैं। सरकार सैन्य अभियानों, ड्रोन हमलों और अपने स्वयं के आतंकवादियों के माध्यम से निर्दोष पश्तूनों को मार रही है।
मुश्ताक अहमद खान ने आगे लिखा कि रमजान में ईद की पूर्व संध्या पर गरीब कामकाजी पश्तूनों का यह क्रूर नरसंहार एक अक्षम्य अपराध है। इसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं मिल सकते, सरकार और सुरक्षा बलों को हमें बताना चाहिए कि इन लोगों का अपराध क्या था। हम इस दुख की घड़ी में कतलिंग और मर्दान के लोगों के साथ हैं। लोगों को इस अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए।
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