विदिशा। मां बेतवा के पवित्र तट घाट बड़ वाले घाट पर पिछले 8 सालों हर साल सावन के महीने में जहां पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता है। वहीं भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा को भव्य रूप दिया जाता है। इस धार्मिक आयोजन में शहर ही नहीं आस-पास के सैकड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं। सावन के इस पांचवें सोमवार को जहां 11 पार्थिक शिवलिंगों का निर्माण किया गया तो वहीं भगवान शिव जी का सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने अभिषेक किया।बड़ वाले घाट पर होने वाले आयोजन की खास बात है कि यहां पर शिवलिंग और भगवान की प्रतिमा को जिस मिट्टी से आकार दिया जाता है वह मिट्टी बेतवा की बाढ़ बहकर आती है। इसी मिट्टी को ही प्रतिमा के आकार में इस्तेमाल किया जाता है। सुबह करीब 5 बजे इस घाट पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है और देर रात तक पूजा अर्चना होती है। करीब 8 साल पहले बाढ़ वाले भोलेनाथ सेवा समिति का गठन किया गया था। तब से लेकर लगातार हर साल यह समिति श्रद्धालुओं के साथ बड़ वाले घाट पर बाढ़ में आई मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उनका अभिषेक करते हैं।जहां पिछले साल रुद्रेश्वर महादेव की स्थापना की गई थी। समिति के अध्यक्ष बद्री साहू ने बताया कि लगातार श्रद्धालुओं की संख्या घाट पर बढ़ रही है। पूरे सुरक्षा के इंतजामों के साथ यहां पर पार्थिव शिवलिंग निर्माण किया जाता है। वहीं श्रद्धालुओं के लिए पूजन की सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। समिति में संतोष विश्वकर्मा, हितेन्द्र रघुवंशी, मनोज कारपेंटर, मुन्नालाल तिवारी, नरोत्तम सोनी, हेमंत शर्मा, मनमोहन बघेल, रतनेश सोनी, मूर्ति कलाकार अशोक विश्वकर्मा आदि शामिल हैं।
एक लौटा जल चढ़ाया मानो 1021 बार हो गया भगवान भोलेनाथ का अभिषेक बढ़ वाले घाट पर ही एक चबूतरा है जिस पर रुद्रेश्वर महादेव विराजमान हैं। यहां पर जो शिव प्रतिमा और शिवलिंग हैं। उनकी संख्या 1021 है। जो जिले में एकमात्र ऐसी प्रतिमा बताई गई है। जहां पर एक लौटा जल चढ़ाने से ही 1021 शिवलिंग अभिषेक हो जाता है। सावन के महीने में खासतौर पर सोमवार को बड़ी संख्या में यहां पर शिवजी का अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।
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