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    हर दिन टूट रहे हैं 11 घर, शक बना बड़ी वजह

  • June 12, 2023

    • लॉकडाउन के बाद बढ़े पति-पत्नी के झगड़े, तलाक व भरण पोषण के केसों का लगा अंबार
    • चार दीवारी में नहीं सुलझे झगड़े तो पति-पत्नी ने ली न्यायालय की शरण, भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर में पांच गुना गति से टूटे परिवार

    भोपाल। कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान पति-पत्नी 24 घंटे साथ रहे। लंबे समय तक साथ रहने की वजह से झगड़े भी खूब हुए। झगड़े इतने बढ़ गए कि पति-पत्नी के रिश्ते के बीच बड़ी दीवार खिंच गई। अपने झगड़ों को सुलझाने के लिए न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं। कुटुंब न्यायालय का कहना है कि कोविड-19 के दौरान पति-पत्नी एक साथ रहे। छोटी बातों से शुरू हुआ झगड़ा बड़ा बन गया। घर पर झगड़े नहीं सुलझा पाए हैं। इस कारण न्यायालय की शरण ले रहे हैं। पति-पत्नी के बीच शक बढऩे पर ज्यादा विवाद हुआ। अधिकतर झगड़े कोविड-19 के दौरान के देखने के मिल रहे हैं।
    यही वजह है कि कोविड-19 के पहले कुटुंब न्यायालयों में केसों की संख्या काफी कम हुआ करती थी, 2021 से 2023 के बीच तेज गति से केसों की संख्या बढ़ी है। तीन साल के भीतर पांच गुना केस बढ़ गए हैं। तलाक व मेंटेनेंस के केस हैं। कुटुंब न्यायालय (फैमिली कोर्ट) में काउंसिलिंग करने वाले काउंसलर व वकीलों का कहना है कि कोविड-19 के दौरान हुए झगड़ों का असर अब दिखने लगा है। 2022 में जिस गति से केस बढ़े थे, उतनी ही गति से 2023 में के आए हैं। प्रदेश के चारों महानगरों की स्थिति एक जैसी है।



    सुलह के बाद भी ज्यादा दिन नहीं रह सके साथ
    तलाक व भरण पोषण का आवेदन आने के बाद पति-पत्नी को साथ रहने के लिए जज व काउंसलरों ने काउंसिलिंग की। समझाने के बाद साथ रहने के लिए तैयार हो गए, लेकिन ज्यादा दिन साथ नहीं रह सके, इस कारण दोबारा न्यायालय तक आ जाते हैं। ग्वालियर में ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीशों से स्थिति के बारे में जाना तो उनका कहना है कि पति-पत्नी में सुलह की गुंजाइश नहीं है।

    हर दिन टूट रहे घर

    • भोपाल में 2022 में हर दिन 7 दंपती अलग हुए हैं। 2023 में हर दिन 9 दंपती अलग हुए हैं।
    • इंदौर में 2022 में हर दिन 8 घर टूटकर न्यायालय तक मामला पहुंचा। 2023 में हर दिन 11 घर टूटे हैं।
    • ग्वालियर में 2022 में हर दिन 5 घर टूटे, जबकि 2023 में यह आंकड़ा हर दिन 7 पर पहुंच गया है।
    • जबलपुर में 2022 में हर दिन 5 दंपती झगड़कर कोर्ट पहुंचे। 2023 में यह आंकड़ा सात के करीब पहुंच गया।

    2020 में न्यायालय रहे थे बंद
    2020 कोविड-19 के चलते साल के अंत तक न्यायालय बंद रहे थे। केस फाइल हो रहे थे, मामलों की सुनवाई नहीं हो रही थी। 2021 में न्यायालयों में केसों की सुनवाई शुरू हुई थी। 2022 मेें पूर्ण रूप से कोर्ट खुल गए थे। 2022 व 2023 में केस बढ़े हैं।

     

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