इन्दौर। स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल की ओर से नकल रोकने और पेपर आउट होने जैसी शर्मनाक घटना रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार केंद्राध्यक्षों को बनाने की जिम्मेदारी भी कलेक्टर के पास रहेगी। बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट ना हो, इस पर भी सख्ती की गई है। थाने से लेकर परीक्षा केंद्र तक प्रश्नपत्र पहुंचाने तक की निगरानी ऐप से की जाएगी। एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षा अगले महीने की 25 व 27 फरवरी से शुरू हो रही है। प्रश्नपत्र आउट होने को लेकर बोर्ड की किरकिरी हमेशा होती आई है।
विश्वसनीय गोपनीयता को बनाए रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल की ओर से लगातार परिवर्तन किए गए हैं। मध्य प्रदेश में शासकीय निजी और अनुदान प्राप्त एमपी बोर्ड के तकरीबन 18 लाख से ज्यादा विद्यार्थी दोनों परीक्षाओं में सहभागिता कर रहे हैं। इस बार परीक्षा की कमान सभी जिलों में कलेक्टरों के पास रहेगी। परीक्षा केंद्र बनाने में भी कलेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। इसके बाद अब केंद्र अध्यक्षों की नियुक्ति भी कलेक्टर कार्यालय की अनुमति के बाद ही की जाएगी। बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र थानों पर रखे जाते हैं। जिस दिन परीक्षा की तारीख होगी, उस दिन उस विषय का प्रश्नपत्र कलेक्टर कार्यालय से नियुक्त प्रतिनिधि के माध्यम से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। इस बीच मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रश्नपत्र की निगरानी की जाएगी, ताकि किसी प्रकार से पेपर आउट होने जैसी परिस्थिति नहीं बने।
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