इंदौर (Indore)। 108 एंबलेंस घायलों को निशुल्क अस्पताल (free hospital) ले जाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इसमें न तो शव ले जाए जा सकते हैं, न ही घायलों को अस्पताल में पहुंचाने के एवज में रुपए लिए जा सकते हैं, लेकिन एक एंबुलेंस में इन दोनों नियमों की एक साथ धज्जियां उड़ाईं।
कल रात को एक ऐसा ही मामला सामने आया। सतवास से एक 108 एंबुलेंस क्रमांक सीजी 1423 संतोष नामक मरीज को इलाज के लिए एमवाय अस्पताल लाई। मरीज को अस्पताल में छोडऩे के बाद उसके परिजन से 500 रुपए लेकर एंबुलेंस के पायलट ने गाड़ी अस्पताल के बाहर खड़ी कर दी। संतोष के परिजन ने यह बात कैमरे के सामने बोली। बाद में उक्त एंबुलेंस वाले देवास जिले के एक बच्चे के शव को एमवाय के गेट से ले गए। यह नजारा देखा वहां खड़े एक अन्य एबुंलेंस वाले ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह गाड़ी भगाकर ले गया। पैसे लेने वाले 108 एंबुलेंस की शिकायत भोपाल में की गई है।
घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस
108 एंबुलेंस की तैनाती चिन्हित क्षेत्रों में रहती है। जैसे ही कोई घटना या वारदात होती है तो घटनास्थल से संबंधित व्यक्ति 108 डायल करता है, जिसे भोपाल के कंट्रोल रूम में रिसीव किया जाता है। उसके बाद घटनास्थल की लोकेशन के आधार पर उसके आसपास के इलाकों में तैनात एंबुलेंस वाले फोन लगाने वाले से संपर्क कर लोकेशन पूछते हैं और आधे घंटे के अंदर मौके पर भी पहुंच जाते हैं। 108 एंबुलेंस में एक डॉक्टर की भी तैनाती रहती है, जो घायल की जांच कर उसे प्रारंभिक उपचार भी देता है और पास के अस्पताल पहुंचाता है।
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