नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के विज्ञापन का खर्च देखकर सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में था। सरकार ने पिछले तीन सालों के दौरान विज्ञापन में 1073 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। ये खुलासा दिल्ली सरकार के उस हलफनामे में हुआ जो उसने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। हलफनामे को देखकर जस्टिस बिफर गए। उन्होंने सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी को सीधी चेतावनी दे डाली।
सुप्रीम कोर्ट दरअसल RRTS (रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम) से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था। दिल्ली सरकार पर पिछली सुनवाई में आरोप लगाया गया था कि वो इस प्रोजेक्ट के लिए पैसे जारी नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक रिपोर्ट तलब की थी, जिसमें पिछले तीन सालों में विज्ञापनों पर किए गए खर्च का ब्योरा मंगवाया गया था। आज ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई तो डबल बेंच बिफर गई।
जस्टिस बोले- RRTS प्रोजेक्ट के लिए पैसे नहीं दिए तो सीज होगा विज्ञापन का बजट
जस्टिस संजय किशन कौल ने एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी को धमकाते हुए कहा कि RRTS प्रोजेक्ट के लिए पैसे जारी नहीं किए तो हम आपके विज्ञापन का बजट सीज करने का आदेश भी जारी कर सकते हैं। सिंघवी ने बेंच को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार प्रोजेक्ट के लिए पैसे देने से पीछे नहीं हट रही है। लेकिन इसे किश्तों में बांट दिया जाए। बेंच का कहना था कि प्रोजेक्ट के लिए पैसा वैसे भी किश्तों में ही देना है।
प्रोजेक्ट की बकाया रकम के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सिंघवी ने कोर्ट को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपके आदेश के मुताबिक सरकार प्रोजेक्ट के लिए पैसे मुहैया करा रही है। इसके लिए बजट का प्रावधान हम कर रहे हैं। सरकार की बात को मानते हुए कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि बकाया रकम का भुगतान भी किया जाए। RRTS प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट काफी गंभीरता से ले रहा है। पिछली सुनवाई पर उसने साफ कहा था कि पर्यावरण के मामले में वो समझौता नहीं करने जा रहा।
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