- इंदौरियों में विकसित होने लगी हर्ड इम्युनिटी भी… आज भी 100 टीमें करेगी वैक्सीनेशन
इंदौर। इंदौर में लगातार वैक्सीनेशन अभियान जारी है। अभी तक 9024 स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाया जा चुका है, मगर 1068 ने इनकार भी कर दिया, जिनमें कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। इन्हें हालांकि दूसरा मौका भी मिलेगा। आज भी 100 से अधिक टीमें वैक्सीनेशन का कार्य करेगी। कल 52 अस्पतालों में 548 लोगों को वैक्सीन लगाया गया। वहीं कोरोना संक्रमण की दर घटने के साथ इंदौरियों में हर्ड इम्युनिटी भी तेजी से विकसित होने लगी है और अब 500 से भी कम उपचाररत मरीजों की संख्या बची है। बीते 24 घंटे में मात्र 18 नए कोरोना मरीज निकले हैं और मृतकों की संख्या अभी तक 924 तक जा पहुंची है।
देश के साथ-साथ प्रदेश और शहर में भी 16 जनवरी से कोरोना का वैक्सीनेशन चल रहा है। इंदौर में चिन्हित किए गए 30 से 31 हजार स्वास्थ्यकर्मियों को पहले चरण में वैक्सीन लगाया जाना है, जिनमें अभी तक 6 दौर में 9024 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लग चुका है। आज सातवां दौर चलेगा, जिसमें 100 टीमें 60 से अधिक अस्पतालों में वैक्सीन लगाएगी। कल भी 4548 लोगों को टीके लगाए गए। हालांकि 1068 स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन लगाए गए उनमें किसी तरह के दुष्परिणाम सामने नहीं आए हैं। लिहाजा धीरे-धीरे लोगों का भरोसा भी बढ़ रहा है। अभी तक प्रदेश में 1 लाख 76 हजार 31 लोगों को कल तक वैक्सीन लगाए जा चुके थे, जबकि साढ़े 4 लाख को पहले चरण में वैक्सीन लगाए जाना है। कल भी 81 फीसदी वैक्सीनेशन ही हो पाया। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया का कहना है कि जिन लोगों ने अभी वैक्सीन नहीं लगाए हैं, उन्हें दूसरा मौका भी मिलेगा, वहीं अगले चरण के लिए भी राजस्व सहित अन्य लोगों की सूची बनना शुरू हो गई है। अभी कुछ स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों को थोड़ा भरोसा नहीं है, इसलिए वे वैक्सीनेशन से इनकार कर रहे हैं। इंदौर में जितने स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगे हैं, उनमें किसी में भी कोई दुष्परिणाम सानमे नहीं आए हैं। 9529 स्वास्थ्यकर्मियों को अभी तक वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। 2 से 3 प्रतिशत ही लोग इनकार कर रहे हैं। वहीं दूसरे चरण के लिए भी सूची बनना शुरू हो गई है, जिसमें पुलिस-प्रशासन से लेकर सश बल, होमगार्ड, पुलिस और नागरिक सुरक्षा संगठन के अलावा निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआत में जो रणनीति अपनाई थी उसे बदला और अधिक संख्या में लोग केन्द्रों पर बुलाए, जिसके चलते 80 फीसदी से अधिक वैक्सीनेशन होने लगा।