30 हजार नल कनेक्शन देंगे, 700 लाख का ठेका एलएंडटी को संचालन और संधारण का नर्मदा प्रोजेक्ट के तहत सौंपा
इन्दौर। अमृत योजना के तहत जहां शहर को नर्मदा (Narmada) का चौथा चरण मिलेगा, वहीं अन्य सभी प्रोजेक्टों के लिए 972 करोड़ की राशि का प्रावधान निगम बजट में किया गया है। 35 जो नई पानी की टंकियां तैयार की गई है, उनको भरने के लिए 1064 किलोमीटर लंबाई में वितरण लाइनें बिछाई जा रही है और अभी 1004 किमी की लाइनें बिछ भी चुकी है। लगभग 30 हजार घरों को नए कनेक्शन भी इसके चलते दिए जाना है, जिनमें से साढ़े 19 हजार कनेक्शन अब तक चुके हैं। दस साल तक संचालन और संधारण का ठेका जानी-मानी इंजीनियरिंग कंपनी एलएंडटी को 700 लाख में सौंपा गया है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) द्वारा प्रस्तुत बजट में अमृत 1.0 के अलावा अभी केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जो अमृत प्रोजेक्ट 2.0 मंजूर किया है, उसमें किए जाने वाले कार्यों का लेखा-जोखा भी बजट भाषण के जरिए प्रस्तुत किया। 33.33 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार से और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार से इन प्रोजेक्टों सके लिए मिलना है तो नगर निगम 16.67 प्रतिशत, जो कि 162 करोड़ होती है, उसकी व्यवस्था अपने खजाने से करेगा। अभी 27 नई टंकियों के अलावा एक टंकी स्मार्ट सिटी में निर्मित की गई है, इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा निर्मित 7 पुरानी टंकियों का जिम्मा नगर निगम के पास योजना हस्तांतरण के चलते आ गया है, जिसमें बिजलपुर, नरवल, रेती मंडी, योजना क्रमाांक 114 पार्ट-2 योजना 134, योजना 140 और योजना 78 की टंकियां शामिल हैं। इन सभई 35 टंकियों को भरने के लिए जो वितरण लाइन बिछाई जाना है, उसका काम भी चल रहा है, वहीं 250 किमी की पुरानी जर्जर लाइन को भी बदला जाना है। इन टंकियों की मानीटरिंग और बिलिंग का काम भी साफ्टवेयर से होगा और संचालन, संधारण का ठेका भी 700 लाख में दिया गया है। अमृत-2 योजना के चलते ही जलूद से नर्मदा का चौथा चरण लाया जा रहा है। इसके लिए निगम बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें इंटकवेल, जलशोधन यंत्रालय, नई टंकियों के निर्माण, वितरण लाइन से लेकर पुराने पंपों, लाइनों को बदलने के काम शामिल है, वहीं चौथा चरण आने के बाद शहर के सभी इलाकों में पर्याप्त जलापूर्ति करने और कुछ हिस्सों में तो 24 ही घंटे जलापूर्ति के दावे निगम ने किए हैं।
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