गोपनीय सूचनाओं के साथ डाटा एनालिसिस और मैदानी जांच से पकड़े बोगस करदाता, 396 फर्मों की वाणिज्य कर विभाग कर रहा है जांच
इंदौर। वाणिज्यकर विभाग (Department of Commerce) द्वारा जहां एक तरफ कई व्यवसायिक फर्मों के ठिकानों पर छापे मारे, जिसमें सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक, गारमेंट से लेकर ड्रायफ्रूट्स फर्में शामिल रहीं, तो दूसरी तरफ बोगस फर्मों की भी जांच-पड़ताल की जा रही है। प्रदेश में 396 बोगस करदाताओं की सूची बनाई गई है, जिनके भौतिक सत्यापन किए जा रहे हैं। गोपनीय सूचनाओं, डाटा एनालिसिस और अन्य प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अभी तक 102 व्यवसायी तो बोगस मिले हैं, जिन्होंने फर्जी बिल जारी कर 21 करोड़ रुपए की कर चोरी की है। इन सभी के जीएसटी पंजीयन निरस्त करने के साथ वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
आचार संहिता लगने के साथ ही आयोग ने संबंधित एजेंसियों को चुनाव के दौरान बांटी जाने वाली सामग्रियों, नकदी, अवैध शराब से लेकर अन्य पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते अभी 16 दिनों में ही तमाम एजेंसियों ने 134 करोड़ की नकदी और सामग्री जब्त की है, जिनमें पुलिस आबकारी, इनकम टैक्स के साथ-साथ वाणिज्यकर की जीएसटी शाखा भी शामिल है। वाणिज्यकर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव (Commercial Tax Commissioner Lokesh Kumar Jatav) के निर्देशन में स्टेट जीएसटी विभाग ने पहले चरण में सेक्टोरल एनालिसिस कर कर चोरी में लिप्त फर्मों, जिनमें गारमेंट्स, घरेलू सामान, बर्तन, मोबाइल, कॉस्मैटिक, पान मसाला से लेकर शराब कारोबारियों की जांच-पड़ताल के साथ कार्रवाई भी की गई और दूसरे चरण में बोगस इनवाइस जारी करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ अभियान चलाया, जिसमें रजिस्ट्रेशन के लिए प्रस्तुत दस्तावेज, मोबाइल नम्बर, पेन, प्रस्तुत रिटर्न, इनवर्ट, आउटवर्ट के साथ-साथ अन्य भौतिक सत्यापन और निरीक्षण किए गए। इन व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जो दस्तावेज, पेन नम्बर, ईमेल और मोबाइल नम्बर दर्ज किए उनकी भी जांच-पड़ताल की गई। गोपनीय सूचनाओं के साथ-साथ डाटा एनालिसिस और मैदानी जांच के बाद ऐसे नए व्यवसायियों को चिन्हित किया गया, जिन्होंने कुछ समय पूर्व ही रजिस्ट्रेशन करवाया और उनके कर का समायोजन बोगस आईटीसी के जरिए किया गया।
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