नई दिल्ली: शिक्षण संस्थानों को उनकी गलतियां बहुत भारी पड़ने वाली हैं. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग यानी हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल (HECI Bill) में ऐसा प्रावधान है जो नियमों का पालन न करने पर उन्हें परेशानी में डाल सकता है. प्रस्तावित एईसीआई बिल में केंद्र सरकार ने UGC और AICTE को नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर 5 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाने की शक्ति दी है.
इतना ही नहीं, यूजीसी और एआईसीटीई संबंधित संस्थान के प्रमुख के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकते हैं. अब तक जो नियम चला आ रहा है उसके अनुसार यूजीसी किसी भी शिक्षण संस्थान पर किसी भी गलती या अपराध के लिए ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगा सकता है. फिर चाहे वो अपराध फर्जी यूनिवर्सिटी, कॉलेज चलाने का ही क्यों न हो.
कब पेश होगा New HECI Bill?
भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए ये कानून 1956 में ही बनाया गया था. तब से कई बार जुर्माने की रकम बढ़ाने की मांग की गई. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जो बिल तैयार कर रहा है उसमें एक ही बार में जुर्माने की राशि बढ़ाकर 5 करोड़ तक कर दी गई है. ये नया एचईसीआई बिल संसद के शीतकालीन सत्र यानी Parliament Winter Session में पेश किया जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार इस बिल में अपराध की प्रकृति के आधार पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है. जितना बड़ा अपराध, उतना ज्यादा जुर्माना. अगर गलती छोटी हुई, तो आयोग संस्थान को सिर्फ नोटिस भेजकर सफाई मांग सकता है. जवाब न देने पर संस्थान पर कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. मध्यम वर्ग में आने वाले अपराध के लिए न्यूनतम जुर्माना 30 लाख होगा. जबकि गंभीर मामलों में ये 5 करोड़ रुपये तक होगा. 5 साल की जेल भी हो सकती है.
बताया गया है कि इस बिल को बानाने वाली कमेटी में कुल 15 लोग होंगे. इनमें एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष के अलावा कम से कम स्टेट यूनिवर्सिटी वीसी, स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के दो प्रोफेसर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, हायर एजुकेशन सेक्रेटरी, फाइनांस सेक्रेटरी, एक लीगल एक्सपर्ट और एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट होंगे. इससे पहले 2018 में जब ड्राफ्ट तैयार किया गया था, तब कमेटी में राज्यों से कोई रिप्रजेंटेशन नहीं होने पर इसका काफी विरोध किया गया था.
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